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जिम मेंबरशिप लेने से पहले जानें दिल की सेहत, इन 6 टेस्ट से मिलेगा हेल्थ का रिपोर्ट कार्ड

Test for Heart: फिटनेस के लिए जिम करना अच्छी आदत है. लेकिन एक्सरसाइज शुरू करने से पहले शरीर की अंदरूनी स्थिति को समझ लेना जरूरी है.  क्योंकि आजकल फिट दिखने वाले लोगों की मौत भी अचानक हार्ट अटैक से हो रही है. ऐसे में 30 साल से अधिक उम्र के लोगों, परिवार में हार्ट डिजीज का इतिहास रखने वालों, या लंबे समय बाद वर्कआउट शुरू करने वालों के लिए ये टेस्ट जान बचाने वाले साबित हो सकते हैं.

ईसीजी

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ईसीजी

हार्ट स्पेशलिस्ट से इंडियन एक्सप्रेस की बातचीत के अनुसार, हार्ट की कंडीशन का पता लगाने के लिए ईसीजी कराना जरूरी है. यह जांच दिल की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी रिकॉर्ड करती है और अनियमित धड़कन, कंडक्शन ब्लॉक्स या पहले हुए ‘साइलेंट’ हार्ट अटैक के संकेत पहचानने में मदद करती है. यह हार्ट रिदम की बेसलाइन रिपोर्ट देता है, जो एक्सरसाइज के दौरान जोखिम का आकलन करने में सहायक है.

2डी इको

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2डी इको

यह अल्ट्रासाउंड के जरिए दिल के स्ट्रक्चर और फंक्शन को दिखाता है. इससे हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी जैसी गंभीर लेकिन अक्सर अनदेखी रह जाने वाली स्थिति का पता चलता है, जो तेज एक्सरसाइज के दौरान अचानक कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकती है.

टीएमटी

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टीएमटी

यह टेस्ट एक्सरसाइज के दौरान दिल की क्षमता और ब्लड फ्लो को परखती है. इससे एक्सरसाइज-इंड्यूस्ड अरिद्मिया या ब्लड फ्लो की कमी का पता लगाया जा सकता है.

कार्डियक बायोमार्कर्स

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कार्डियक बायोमार्कर्स

ये ब्लड टेस्ट दिल की मांसपेशियों में हल्के नुकसान या स्ट्रेस का पता लगाते हैं. हाई-सेंसिटिव ट्रोपोनिन ‘साइलेंट’ मायोकार्डियल इंजरी को दर्शाता है, जबकि NT-proBNP हार्ट वॉल्स के स्ट्रेस या स्ट्रेच को मापता है.

hs-CRP और ESR

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hs-CRP और ESR

इनसे शरीर में सूजन का स्तर मापा जाता है, जो एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में प्लाक जमना) का कारण बन सकता है और हार्ट अटैक व स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है.

लिपिड प्रोफाइल + HbA1c

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लिपिड प्रोफाइल + HbA1c

लिपिड प्रोफाइल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को मापता है, जबकि HbA1c पिछले 3 महीनों के औसत ब्लड शुगर का आकलन करता है. ये दोनों टेस्ट हार्ट डिजीज और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के खतरे का पता लगाने में मदद करते हैं.

ये जांच भी जरूरी

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ये जांच भी जरूरी

इसके अलावा विटामिन D और B12 की जांच भी जरूरी है, क्योंकि इनकी कमी से ऊर्जा, हड्डियों की मजबूती और मांसपेशियों के कार्य पर असर पड़ सकता है.  Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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