Astronaut: अगर आप भी सुनीता विलियम्स जैसे एस्ट्रोनॉट बनने का सपना देख रहे हैं, तो आपको मैथ्स और फिजिक्स में मजबूत पकड़ बनानी होगी. इस खबर में जानें इसके लिए कौन सी पढ़ाई करनी होती है.
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How to Become Astronaut: लगभग नौ महीने अंतरिक्ष में समय बिताने के बाद सुनीता विलियम्स धरती पर वापस लौट आई हैं. ऐसे में लोगों के अंदर ये जानने की इच्छा बढ़ गई है कि आखिर कैसे चुने जाते हैं नासा के अंतरिक्ष यात्री, क्या है एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया. NASA में कैसे एस्ट्रोनॉट बनते हैं? इसलिए इस खबर में हम आपके इन सभी सवालों के जवाब लेकर आए हैं.
WATCH अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 9 महीने तक फंसी रहने के बाद, सुनीता विलियम्स मुस्कुराहट के साथ धरती पर वापस आ गई हैं।
(Source-NASA TV via Reuters) pic.twitter.com/N37Q3jQFvU
— ANI_HindiNews (AHindinews) March 18, 2025
धरती से दूर अंतरिक्ष में करियर रोमांच भरा होता है. वहीं, आज यानी 19 मार्च को पैराशूट के साथ चारों यात्रियों को ला रहा ड्रैगन कैप्सूल समंदर में लैंड कर गया है. सुनीता विलियम्स की धरती पर सुरक्षित वापसी हो गई है.यह एक ऐतिहासिक पल है जो नासा और स्पेसएक्स की टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण को दर्शाता है.
अगर आप भी सुनीता विलियम्स जैसा एस्ट्रोनॉट बनना चाहता है तो इसके लिए आपको कड़ी मेहनत, पढ़ाई और ढेर सारा जुनून चाहिए. आपका भी सपना एस्ट्रोनॉट बनकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक और उससे आगे चांद और मंगल तक जाना है, तो उसके लिए आपको स्कूल में मैथ्स और फिजिक्स पर सबसे अधिक फोकस करना होगा. इन विषयों पर आपकी मजबूत पकड़ होनी चाहिए.
करनी होगी ये पढ़ाई
इसके बाद आपको इंजीनियरिंग साइंस या मैथ्स में बैचलर डिग्री लेनी होगी खासकर एयरोस्पेस में . सुनीता विलियम्स की बात करें तो उन्होंने फिजिकल साइंस में बैचलर और फिर इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर किया है. हालांकि, साइंस या टेक्नोलॉजी में मास्टर्स या पीएचडी करना सबसे बेहतर है.
पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद आपको पायलट बनने की ट्रेनिंग लेनी चाहिए या टेक्निकल फील्ड में काम करना चाहिए. सबसे खास चीज अंतरिक्ष में शरीर को काफी मुश्किल हालत का सामना करना पड़ता है. ग्रैविटी नहीं होने के कारण शरीर पर काफी नकारात्मक असर पड़ता है. जिसे हर कोई नहीं झेल सकता है. इसके लिए रोज एक्सरसाइज करना जैसे कि दौड़ना या स्विमिंग जरूरी है.
अनुभव है सबसे जरूरी
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA में एस्ट्रोनॉट बनने के लिए सबसे पहले आपके पास अमेरिकी नागरिकता होनी चाहिए. हालांकि भारत में ISRO से आप जुड़ सकते है. इसके अलावा आपके पास कम से कम 2 साल प्रोफेशनल एक्सपीरियंस और 1,000 घंटे जेट एयरक्राफ्ट उड़ाने का तजुर्बा होना चाहिए. वहीं, नासा सेलेक्शन प्रोसेस काफी टफ है. लिखित टेस्ट, इंटरव्यू, मेडिकल चेकअप और ट्रेनिंग के बाद ही आपका सिलेक्शन होता है.
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वहीं, एस्ट्रोनॉट बनने के लिए आपके पास प्रॉब्लम सॉल्विंग, टीम वर्क और लीडरशिप जैसी स्किल होनी चाहिए. इसके अलावा आप कैसे जीरों ग्रैविटी में रह सकते हैं इसकी ट्रेनिंग भी लेनी पड़ती है. बता दें, भारतीय युवा इसरो के स्पेस प्रोग्राम में इंजीनियर या साइंटिस्ट बनकर करियर की शुरुआत कर सकते हैं. यहां भी आपको साइंस/इंजीनियरिंग की डिग्री चाहिए. साथ ही फिजिकल फिटनेस जरूरी है.