Jyoti Malhotra Pakistan Spy News: हाल ही में यू-ट्यूबर ज्योति के अलावा 11 अन्य कथित पाकिस्तानी जासूस पकड़े गए हैं. आइए जानते हैं कि आरोपी अगर दोषी साबित हो हए तो भारत के कानून के हिसाब से इन लोगों को गद्दारी करने की क्या सजा मिलेगी?
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Youtuber Jyoti Malhotra: यू-ट्यूबर ज्योति मल्होत्रा समते कई यू-ट्यूबरों पर शिकंजा कसा है. ज्योति का पाकिस्तान और चाइना कनेक्शन मिल चुका है. ज्योति मल्होत्रा पर अगर आरोप सच साबित होते हैं यानी यू-ट्यूबर ज्योति ने अगर वाकई देश से गद्दारी की है तो भारत में पाकिस्तानी जासूसों यानी देश से गद्दारी करने वालों का ये कोई पहला मामला नहीं होगा. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) भारत के बंटवारे के बाद से ही हिंदुस्तान में आतंकी हमले कराने और जासूसों को फिट कराने की मास्टरमाइंड रही है.
हरियाणा में कितने जासूस
जासूसी के आरोप में पुलिस और एजेंसियों के हत्थे चढ़े नामों की बात करें तो ज्योति मल्होत्रा, प्रियंका सेनापति, देवेंद्र सिंह, यामीन मोहम्मद, नोमान इलाही, अरमान और मोहम्मद मुर्तजा अली समेत कुछ और लोगों पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का गंभीर इल्जाम है.
क्या कहता है कानून?
भारत में पहले अंग्रेजों के जमाने में बनी आईपीसी के हिसाब से देशद्रोह की धाराएं और सजा तय होती थी. अब BNS यानी भारतीय न्याय संहिता की दफाएं लागू होती हैं. गद्दारी के मामले में ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट,1923 भी लागू होता है. BNS की धारा 152 देशद्रोह (sedition) को परिभाषित करती है. यानी वो काम जिनसे देश की संप्रभुता, अखंडता, एकता और सुरक्षा को खतरा होता हो तो ये सब कृत्य देशद्रोह के दायरे में आते हैं. इसमें दोषी पाए जाने पर अदालत दोषी को उम्र कैद यानी मृत्युदंड की सजा सुना सकती है. वहीं दोषियों पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है. BNS की धारा 147 यानी देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसी गतिविधियों में शामिल होने से संबंधित है. इस धारा में दोषी पाए जाने पर भी मृत्युदंड या उम्र कैद की सजा सुनाई जा सकती है.
ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923 भी जासूसी से संबंधित है. जिसमें गोपनीय जानकारी (जैसे सैन्य या रक्षा से जुड़े दस्तावेज) को गलत इरादे से इकट्ठा करना, प्रकाशित करना या विदेशी एजेंटों को देना साबित होने पर 14 साल कैद हो सकती है. इस एक्ट की अलग-अलग धाराओं में अलग सजा का प्रावधान है.
ज्योति के खिलाफ दर्ज मामलों में ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट की धाराओं के साथ BNS की धारा 152 का जिक्र है. जांच के दौरान धाराओं को बढ़ाया भी जा सकता है. ज्योति ऊपर लिखी धाराओं में दोषी पाई जाती है, तो कम से कम 14 साल की कैद या आजीवन कारावास या मृत्युदंड मिल सकता है. हालांकि किसी दोषी को मिलने वाली सजा इस पर निर्भर करती है कि जासूसी की गंभीरता और प्रभाव क्या था.