बेटे ऋतिक को लॉन्च करते ही राकेश रोशन पर हुआ था जानलेवा हमला, गोलियों की हुई थी बौछार; ऐसे बाल-बाल बची थी जान
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बेटे ऋतिक को लॉन्च करते ही राकेश रोशन पर हुआ था जानलेवा हमला, गोलियों की हुई थी बौछार; ऐसे बाल-बाल बची थी जान

Rakesh Roshan: हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और निर्देशक राकेश रोशन ने 2000 में 'कहो ना... प्यार है' से अपने बेटे ऋतिक रोशन को बॉलीवुड में लॉन्च किया था. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई, लेकिन इसके बाद उनकी जिंदगी में एक ऐसा तुफान आया कि डर की सारे हदें पार हो गई. 

Rakesh Roshan 2000 Shootout Incident
Rakesh Roshan 2000 Shootout Incident

Rakesh Roshan 2000 Shootout Incident: हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और निर्देशक राकेश रोशन ने हाल ही में अपनी लाइफ के एक सबसे डरावने अनुभव को साझा किया. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपने बेटे ऋतिक रोशन की पहली फिल्म 'कहो ना... प्यार है' (2000) बनाई, तो वो सुपरहिट साबित हुई. लेकिन इसके कुछ समय बाद उन पर जानलेवा हमला हुआ. कुछ हमलावरों ने उन पर गोलियां चलाई थी, जिससे उनका परिवार काफी डर गया था. 

ये घटना उनके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी. ANI के साथ इंटरव्यू में राकेश रोशन ने बताया कि इस हमले के बाद उनकी सुरक्षा के लिए सशस्त्र गार्ड तैनात किए गए छे. लेकिन वो इस सुरक्षा के बावजूद खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे थे. उन्होंने कहा, 'कोई भी इंसान पूरी तरह सुरक्षित नहीं होता. अगर किसी को नुकसान पहुंचाना हो, तो सिक्योरिटी गार्ड भी कुछ नहीं कर सकते'. उन्होंने बताया कि गाड़ी में सफर करते समय उनके पीछे दो गार्ड बंदूक लेकर बैठते थे. 

सिक्योरिटी गार्ड के होते हुए भी लगता था डर 

उन्होंने बताया कि इस बात से उनकी चिंता और बढ़ जाती थी. उन्होंने आगे कहा, 'जब मैं गाड़ी में बैठता, तो दो गार्ड मेरे पीछे बंदूक के साथ बैठते थे. मुझे डर लगा रहता कि अगर कुछ गड़बड़ हो गई, तो कहीं वे गलती से मुझे ही न मार दें'. इस घटना के बाद वे बहुत ज्यादा बेचैन महसूस करने लगे थे. उन्हें हर समय असहजता और डर महसूस होता था, जिसका असर उनकी नॉर्मल लाइफ पर भी पड़ रहा था. राकेश रोशन ने बताया कि ये सुरक्षा उनके लिए परेशानी का कारण बन गई थी.

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नहीं जी पा रहे थे नॉर्मल लाइफ 

उन्होंने बताया कि जब वे समुद्र किनारे टहलने जाते, तो उनके सुरक्षा गार्ड भी उनके साथ चलते. इससे उन्हें घुटन महसूस होती थी. उन्होंने कहा, 'मुझे ऐसा लगने लगा था कि मैं किसी जेल में हूं. हर वक्त कोई मेरे साथ होता था'. इस स्थिति से परेशान होकर उन्होंने आखिरकार अपनी सुरक्षा हटवाने का फैसला किया. उन्होंने कहा, 'मैंने अधिकारियों से कहा कि मेरी सुरक्षा हटा दी जाए. मैं अपनी लाइफ नॉर्मल तरीके से जीना चाहता हूं. जो होगा देखा जाएगा'. 

बिना सुरक्षा फिर से की शुरुआत 

इसके बाद उन्होंने बिना सुरक्षा के अपनी जिंदगी फिर से सामान्य तरीके से जीनी शुरू कर दी. हाल ही में उन्हें IIFA 2025 में आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया. बता दें, राकेश रोशन हिंदी सिनेमा में शानदार कलाकारों में से एक हैं, जिन्होंने एक अभिनेता से लेकर निर्देशक के तौर पर कई हिट और शानदार फिल्मों की सौगात अपने फैंस को दी हैं, जिनको आज भी खूब पसंद किया जाता है. आज भी उनकी फिल्म फैंस को खूब भाती हैं. 

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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राकेश रोशन का वर्कफ्रंट 

बता दें, राकेश रोशन ने 'खूबसूरत' (1980) और 'कामचोर' (1982) जैसी शानदार फिल्मों में दमदार अभिनय का दम दिखाया है. उन्होंने 'खुदगर्ज' (1987) से निर्देशन की शुरुआत की और 'खून भरी मांग' (1988), 'करण अर्जुन' (1995) और 'कोयला' (1997) जैसी हिट फिल्में बनाई. वे अपने बेटे ऋतिक रोशन के साथ 'कोई... मिल गया' और 'कृष' सीरीज में भी काम कर चुके हैं. हाल ही में उनकी फैमिली पर बनी डॉक्यू-सीरीज 'द रोशंस' नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हुई. 

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