आज जश्न, कभी विरोध की गूंज बनी थी उड़ती पतंगें, आसमान से ब्रिटिश हुकूमत को दिया गया था ये संदेश
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आज जश्न, कभी विरोध की गूंज बनी थी उड़ती पतंगें, आसमान से ब्रिटिश हुकूमत को दिया गया था ये संदेश

Independence day 2025: स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां जोरो पर है. आजादी के जश्न के साथ पतंगबाजी का भी आयोजन किया जाता है. कभी आपने सोचा है कि पतंगबाजी की शुरुआती कैसे हुई थी और क्यों हुई थी? आइए जानते हैं. 

आज जश्न, कभी विरोध की गूंज बनी थी उड़ती पतंगें, आसमान से ब्रिटिश हुकूमत को दिया गया था ये संदेश

15 august Independence day 2025: स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां जोरो पर है. आजादी का जश्न मनाने के लिए स्कूलों, ऐतिहासिक स्थलों पर लोग शामिल होने लगे हैं, तिरंगे की रोशनी से ऐतिहासिक इमारतों को सजाया जा रहा है. इस दिन को और ज्यादा खास बनाने के लिए कई तरह के देशभक्ति नाटक का आयोजन किया जाता है, इसके जरिए देशप्रेम की गाथा को बताया जाता है. देश के लिए जान न्योछावर करने वाले क्रांतिकारियों के योगदान से भी लोगों को रूबरू कराया जाता है. 15 अगस्त पर पतंग उड़ाने की भी परंपरा है, कभी आपने सोचा कि आखिर स्वतंत्रता दिवस पर पतंग क्यों उड़ाई जाती है इसके पीछे की क्या वजह है आइए जानते हैं विस्तार के साथ.

क्यों उड़ाते हैं पतंग?
आज के समय भले ही पतंग के जरिए देशप्रेम को दर्शाया जाता है लेकिन एक वक्त वो था जब पतंगों के जरिए विरोध दर्शाया गया था. इसकी शुरुआत साल 1928 से हुई, उस दौरान ब्रिटिश हुकूमत ने साइमन कमीशन को भारत भेजा था. इस कमीशन को लेकर पूरे देश में भारी नाराजगी थी और जगह-जगह पर इसके विरोध में नारे लगाए जा रहे थे. लोगों ने “Simon Go Back” के नारे लगाए और इन नारों की गूंज पूरे देश में करने के लिए पतंगों को सहारा लिया गया, उस जमाने में जो पतंगे आकाश में उड़ रही थी उस पर भी “Simon Go Back” के नारे लिखे गए थे. उस समय पतंगों का कलर भी काफी ज्यादा महत्वपूर्ण था, तब पतंगे रंगीन नहीं बल्कि काले कलर की थी ताकि विरोध को और ज्यादा अच्छे तरीके से दर्ज कराया जा सके. 

आजादी के बाद हुआ ऐसा
उस जमाने में विरोध के रूप में उड़ाई जाने वाली पतंगे 1947 में मिली आजादी के बाद देशभक्ति का प्रतीक बन गई. उसके बाद से उड़ती पतंगों को राष्ट्रीय गौरव और स्वतंत्रता के आनंद के रूप में देखा जाने लगा. स्वतंत्रता दिवस के बाद कई शहरों में पतंगों की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाने लगा, उत्तर भारत में, खासकर दिल्ली, लखनऊ, बरेली और मुरादाबाद जैसे शहरों में पतंगबाजी का आयोजन किया जाता है. वहीं गुजरात, राजस्थान और पंजाब के कुछ हिस्सों में पतंगबाज़ी की एक मजबूत परंपरा है. देश के कई शहरों में लोग बढ़-चढ़कर इस आयोजन में हिस्सा लेते हैं.

F&Q
सवाल- 15 अगस्त पर लाल किले पर तिरंगा कौन फहराएगा?
जवाब- 15 अगस्त पर लाल किले पर पीएम मोदी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराएंगे.

सवाल- इस बार कौन सा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा?
जवाब- इस बार 79वां स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया जाएगा.

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अभिनव त्रिपाठी

जी न्यूज में न्यूज डेस्क पर बतौर सब एडिटर कार्यरत. देश- विदेश की खबरों को सरल भाषा में लिखते हैं. साहित्य और राजनीति में विशेष दिलचस्पी. यूपी के सुल्तानपुर जिले से ग्रेजुएशन, महात्मा गांधी काशी विद...और पढ़ें

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