AFSPA Extended in Manipur: गृह मंत्रालय के रविवार के बयान के अनुसार सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) को 13 पुलिस थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे मणिपुर में लागू कर दिया गया है.
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AFSPA implemented in Manipur: केंद्र सरकार ने मणिपुर में एक बड़ा कदम उठाया है. केंद्र ने 13 पुलिस थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) लागू कर दिया है. साथ ही, नगालैंड के आठ जिलों और पांच अन्य जिलों के 21 पुलिस थाना क्षेत्रों में AFSPA लागू रखने की अवधि छह महीने और बढ़ाई दी गई. इसकी जानकारी गृह मंत्रालय ने रविवार को दी.
AFSPA extended to entire Manipur except the jurisdiction of 13 police stations: MHA pic.twitter.com/W5gkGfN4iZ
— Press Trust of India (@PTI_News) March 30, 2025
गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा रविवार को जारी एक बयान के मुताबिक, सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) को 13 पुलिस थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे मणिपुर राज्य में लागू कर दिया गया है. मंत्रालय ने कहा कि अफस्पा को अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों तथा राज्य के तीन पुलिस थाना क्षेत्रों तक छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. मणिपुर में 1980 के दशक की शुरुआत से ही AFSPA लागू है. यह 'अशांत क्षेत्रों' में सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों को विशेष अधिकार प्रदान करता है.
कई हथियार और गोला-बारूद बरामद
वहीं, सुरक्षा बलों ने शनिवार को मणिपुर के पहाड़ी और घाटी जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान चलाया और इलाके पर कब्ज़ा किया.
इंफाल पुलिस द्वारा जारी एक बयान में कहा, 'ऑपरेशन के दौरान निम्नलिखित सामान बरामद किए गए. एक देशी राइफल, एक बोल्ट एक्शन राइफल, एक .22 पिस्तौल, एक देशी मोर्टार (पोम्पी-6 फीट), एक देशी मोर्टार (पोम्पी-5 फीट), एक देशी मोर्टार (पोम्पी-4 फीट), एक स्थानीय निर्मित हैंड ग्रेनेड, एक हेलमेट, एक वायरलेस सेट, एक वायरलेस सेट चार्जर, एक एचई बम, 5.56 मिमी के दस जिंदा राउंड, 7.62x39 मिमी के बारह खाली केस, 7.62x45 मिमी के चार खाली केस और चुराचंदपुर जिले के थांगजिंग पहाड़ी जंगल से 500 ग्राम गन पाउडर बरामद किया गया.'
250 से ज्यादा लोगों की मौत
मणिपुक में हिंसा के बीच सीएम एन बीरेन सिंह के अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके कुछ दिनों बाद 13 फरवरी की शाम को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया और विधानसभा को निलंबित कर दिया गया, जिससे राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता पैदा हो गई. एन बिरेन सिंह 2017 से मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का नेतृत्व कर रहे थे. उन्होंने लगभग 21 महीने की जातीय हिंसा के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिसमें मई 2023 से अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.