DNA Analysis: भारत और पाकिस्तान के बीच अगर तनाव बढ़ा तो समंदर में आग क्यों लगेगी. सबसे पहले आपको इस आशंका के पीछे छिपी वजह के बारे में जानना चाहिए. आज भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की नौसेनाओं ने अरब सागर में युद्धाभ्यास की शुरूआत की है.
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DNA Analysis: अब हम भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से बढ़ रहे तनाव का विश्लेषण करेंगे. भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए अगले 100 घंटे बेहद अहम होने जा रहे हैं. बयानों से लेकर एक्शन तक पिछले 24 घंटे में भारत और पाकिस्तान की सेना ने जो कहा और अब जो कुछ कर रही है उसके बाद माना जा रहा है कि अगले 100 घंटों में कुछ बड़ा हो सकता है. जिसका असर सिर्फ भारत और पाकिस्तान पर ही नहीं, पूरी दुनिया पर पड़ सकता है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच जमीन और आसमान में संघर्ष हुआ था. लेकिन इस बार समंदर में भी उबाल आने की आशंका जाहिर की जा रही है. आज आपको जानना चाहिए अगले 100 घंटों में भारत और पाकिस्तान की सेनाएं ऐसा क्या करने जा रही हैं. जिसकी वजह से पूरी दुनिया की निगाहें एक बार फिर से भारत और पाकिस्तान पर टिक गई हैं.
भारत और पाकिस्तान के बीच अगर तनाव बढ़ा तो समंदर में आग क्यों लगेगी. सबसे पहले आपको इस आशंका के पीछे छिपी वजह के बारे में जानना चाहिए. आज भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की नौसेनाओं ने अरब सागर में युद्धाभ्यास की शुरूआत की है.
#DNAWithRahulSinha | PAK पर 'ऑपरेशन सिंदूर' से बड़ा खतरा ! अगले 100 घंटे अहम..PAK से फिर 'रण'?
समंदर में युद्धाभ्यास...टाइमिंग कितनी खास ? #DNA #IndianNavy #PakistanNavy #OperationSindoor @RahulSinhaTV pic.twitter.com/G2B9SCojGf
— Zee News (@ZeeNews) August 11, 2025
भारत और पाकिस्तान दोनों देशों ने अरब सागर में अपनी-अपनी सीमाओं में ड्रिल के लिए नोटिस टु एयरमैन यानि NOTAM जारी किया है. यानि दोनों देशों ने एयर ट्रैफिक को अपने-अपने समुद्री क्षेत्रों में अस्थायी रूप से सीमित कर दिया है. नौसैनिक अभ्यास के दौरान सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ये जरूरी होता है. 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहला मौका है जब दोनों देश अपने-अपने इलाकों में शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं.
आज आपको अरब सागर में शक्ति प्रदर्शन का मतलब भी समझना चाहिए. यहां युद्धाभ्यास किस एक्शन की तैयारी हो सकती है.
- भारत अरब सागर के जरिए पाकिस्तान के कराची पोर्ट और उसके महत्वपूर्ण समुद्री कनेक्शनों को निशाना बना सकता है. जबकि पाकिस्तान भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर हमला कर सकता है.
- अरब सागर के जरिए भारत पाकिस्तान के समुद्री मार्गों को ब्लॉक कर सकता है. जिससे पाकिस्तान के समुद्र से व्यापार और अन्य कनेक्शन बाधित हो सकते हैं. जबकि पाकिस्तान भारतीय समुद्री मार्गों पर आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अरब सागर का इस्तेमाल कर सकता है, जैसा कि मुम्बई हमले में हुआ था.
ये युद्धाभ्यास शुरू हो चुका है. दोनों देश दुनिया को अपनी अपनी ताकत दिखा रहे हैं. इस बीच, पाकिस्तान का सेना प्रमुख आसिम मुनीर अमेरिका से लगातार भड़काऊ बयानबाजी करके दोनों देशों में तनाव को और बढ़ा रहा है. आपको आज अमेरिका गए आसिम मुनीर की भारत को दी गई धमकियों के बारे में भी जानना चाहिए, जो उसने अमेरिका में एक पाकिस्तानी द्वारा आयोजित ब्लैक टाई पार्टी के दौरान दी. ब्लैक टाई पार्टी एक ऐसी पार्टी होती है, जिसमें फॉर्मल ड्रेस कोड होता है और ऐसी पार्टियों में ज्यादातर हाई सोसायटी के लोग आमंत्रित होते हैं. अमेरिका के कुछ हाई प्रोफाइल पाकिस्तानियों के सामने मुनीर ने बड़ी बड़ी डींगें हांकी हैं. मुनीर ने कहा-
- अगर भविष्य में भारत के साथ युद्ध में पाकिस्तान को अस्तित्व का खतरा हुआ तो वह परमाणु हथियारों से जवाब देगा. मतलब मुनीर ऑपरेशन सिंदूर की पिटाई से बुरी तरह बौखलाया हुआ है. इसे आप परंपरागत युद्ध में भारत के सामने नहीं टिक पाने का कुबूलनामा भी कह सकते हैं.
- मुनीर ने भारत को सिंधु नदी पर बांध बनाने को लेकर भी धमकी दी मुनीर ने कहा हम इंतजार कर रहे हैं कि भारत डैम बनाए. इसके बाद हम 10 मिसाइल दागकर उसे तबाह कर देंगे. यानि सिंधु जल समझौता रद्द होने के बाद कुछ ना कर पाने से मुनीर काफी परेशान है.
- आसिम मुनीर ने अमेरिका से भारत को ये धमकी दी. ऐसा पहली बार हुआ जब किसी दूसरे देश में बैठकर किसी तीसरे देश को परमाणु धमकी दी गई हो. इसका मतलब है आसिम मुनीर और ट्रंप का गठबंधन अब और मजबूत हो रहा है.
- मुनीर ने भारत को चमचमाती मर्सिडीज़ और पाकिस्तान को बजरी से भरा एक डंप ट्रक बताया और कहा दोनों की टक्कर में किसका नुकसान होगा. समझा जा सकता है यानि मुनीर ने अमेरिका में पाकिस्तानियों के सामने खुद भारत और पाकिस्तान की हैसियत का अंतर बता दिया.
भारत ने भी आसिम मुनीर की धमकियों का जवाब दिया है. आज आपको इस बयान और इसमें छिपे संदेशों के बारे में भी जानना चाहिए. विदेश मंत्रालय ने मुनीर के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा-
- परमाणु धमकियां देना पाकिस्तान की आदत है. यानि भारत को ऐसी धमकियों से कोई फर्क नहीं पड़ता और ऐसी धमकियां भारत को डरा नहीं सकती.
- विदेश मंत्रायल के बयानम में कहा गया दुनिया इन गैर जिम्मेदार धमकियों पर अपना निष्कर्ष निकाल सकती है. यानि दुनिया खुद अंदाजा लगा सकती है. पाकिस्तान कितना गैर जिम्मेदार परमाणु संपन्न राष्ट्र है.
- भारत ने पाकिस्तान की सेना और आतंकवादी संगठनों के संबंधों का मुद्दा उठाया. और पाकिस्तान में परमाणु हथियारों के नियंत्रण और सुरक्षा पर सवाल खड़े किए. मतलब भारत ने दुनिया को चेतावनी दी. पाकिस्तान के परमाणु हथियार आतंकवादियों के हाथ भी लग सकते हैं.
- विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया यह भी दुखद है कि ये बयान किसी मित्र देश की धरती से दिए गए. यानि अमेरिका की धरती से दी गई धमकी पर भी भारत ने नाराज़गी जाहिर की है.
- भारत ने एक बार फिर कहा वो परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा. और अपनी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाते रहेगा. यानि भारत ने साफ कर दिया. पाकिस्तान की धरती से अगर फिर पहलगाम जैसी साजिश रची गई तो ऑपरेशन सिंदूर से भी भीषण प्रतिक्रिया होगी.
अगला युद्ध जिसकी हम कल्पना कर रहे
एक दिन पहले ही भारत के थल सेना प्रमुख ने कहा था. अगला युद्ध जिसकी हम कल्पना कर रहे हैं, वह जल्द ही हो सकता है. इसके अलावा इस बात का खुलासा भी हुआ है. 10 मई को भारत की नौसेना कराची पोर्ट पर अटैक के लिए तैयार थी. तभी पाकिस्तान की ओर से सीज़फायर के एलान की वजह से उसे रुकना पड़ा. लेकिन 10 मई को हुई एक हाईप्रोफाइल मीटिंग में ही नेवी को बहुत जल्द फिर से मौका मिलने की बात कही गई थी. यानि मुनीर की परमाणु धमकियों का जवाब इस बार समंदर से भी दिया जा सकता है. समंदर में भारत का युद्धाभ्यास जारी है. लेकिन मुनीर की टेंशन और ज्यादा बढ़ने वाली इसी महीने भारत की नेवी में दो स्टेल्थ फ्रिगेट्स भी शामिल होने वाले हैं. फ्रिगेट्स छोटे युद्धपोत होते हैं, जो दुश्मन के युद्धपोतों और सबमरीन पर तेज हमला करने के काम आते हैं. आज आपको भारत को समंदर में मिलने वाले इन दो योद्धाओं की ताकत के बारे में भी जानना चाहिए.
- दोनों फ्रिगेट्स INS उदयगिरि और INS हिमगिरि भारतीय नौसेना के नेक्स्ट-जनरेशन स्टेल्थ वॉरशिप हैं.
- मतलब इनका डिजाइन इस तरह तैयार किया गया है कि रडार से इनका पता लगाना मुश्किल हो. इसका फायदा यह है कि दुश्मन इन जहाजों का पता आसानी से नहीं लगा सकता.
- ये दोनों फ्रिगेट्स 149 मीटर यानि 15 मंजिल की इमारत जितने लंबे हैं.
- इनकी रफ्तार 28 नॉट्स यानि 52 किलोमीटर प्रति घंटा है.
- इनकी रेंज 5,500 नॉटिकल मील है यानि ये 10 हजार किलोमीटर से ज्यादा बिना रीफ्यूलिंग के चल सकते हैं. और लंबे समय तक समंदर में रह सकते हैं.
- हथियारों की बात करें तो ये दोनों फ्रिगेट्स पाकिस्तान को सबसे ज्यादा डराने वाली BrahMos सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल से लैस हैं. जो समंदर से समंदर और समंदर से जमीन दोनों लक्ष्यों पर 290 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक हमला करने में सक्षम हैं
- इन दोनों फ्रिगेट्स में टॉरपीडो लॉन्चर और एंटी-सबमरीन रॉकेट्स मौजूद हैं. मतलब ये समंदर में छिपी दुश्मन की सबमरीन को आसानी से खत्म कर सकते हैं.
- नज़दीकी हवाई और सतही खतरों को खत्म करने के लिए इन फिग्रेट्स में 76mm और 30mm गन सिस्टम लगे हैं.
- वहीं इनमें CIWS यानि Close-In Weapon System मौजूद है जो अंतिम चरण में आने वाली मिसाइलों और ड्रोन को मार गिराने की क्षमता रखता है.
- इन फ्रिगेट्स में हेलीकॉप्टर ऑपरेशन के लिए हैंगर भी मौजूद हैं यानि ये MH-60R रोमियो या फिर सी किंग हेलीकॉप्टर ले जा सकते हैं, जो एंटी सबमरीन वॉरफेयर और समंदर में दुश्मनों के जहाजों को खोजकर खत्म कर सकते हैं.
26 तारीख को देश के दो अलग शिपयार्ड में बने इन दोनों फ्रिगेट्स का एक साथ इंडियन नेवी में इंडक्शन होगा. अरब सागर में पाकिस्तान के लिए ये भी बहुत बुरी खबर है.
पाकिस्तान भी समंदर में भारत की ताकत को जानता है. पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर को भी आपरेशन सिंदूर के बाद मालूम चल चुका है. भारत परमाणु धमकी से डरने वाला देश नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है मुनीर के बयानों में ये जोश कहां से आ रहा है. तो इसका कनेक्शन उसी अमेरिका की धरती से है, जहां बैठकर मुनीर ने भारत को परमाणु धमकी दी है. ये साबित करता है आसिम मुनीर और डॉनल्ड ट्रंप का गठबंधन अब मजबूत हो रहा है. लेकिन आप सोच रहे होंगे. अमेरिका पाकिस्तान को शह देकर अपना कौन सा हित साधना चाहता है तो अब इसका जवाब भी मिल गया है. इसे समझने के लिए आपको पहले अमेरिकी की मिडिल ईस्ट पॉलिसी के बारे में जानना होगा.
अमेरिका ने तेल से भरपूर क्षेत्र मिडिल ईस्ट में अपने हितों को साधने के लिए बड़े पैमाने पर सैनिकों और जंगी जहाजों को तैनात किया हुआ है. जिस पर अमेरिका बहुत डॉलर्स खर्च कर रहा है.
-मिडल ईस्ट में अमेरिकी सेना के 60,000 से 70,000 सैनिक तैनात हैं.
-मिडल ईस्ट में अमेरिका के लगभग 6 प्रमुख एयरबेस हैं, जिसमें अमेरिका के सबसे आधुनिक और खतरनाक फाइटर जेट्स तैनात हैं.
-इस क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना का छठा बेड़ा भी तैनात है.
-इस तैनाती में अमेरिका के सालाना 70 बिलियन डॉलर खर्च होते हैं.
और अब डॉनल्ड ट्रंप मिडिल ईस्ट के कुछ इलाकों से अपनी सेना को बाहर निकालना चाहते हैं. आज आपको इसकी वजह भी समझनी चाहिए. और इससे पाकिस्तान के कनेक्शन को भी जानना चाहिए.
- ट्रंप का मानना है कि अमेरिकी सैनिकों को खाड़ी और दूसरे इलाकों में तैनाती जैसे मिशनों से दूर रहना चाहिए.
- ट्रंप के सलाहकारों ने भी उनसे कहा है कि अमेरिकी सैनिकों को भविष्य के महाशक्ति संघर्षों की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. यानि चीन और रूस जैसे देशों से युद्ध की तैयारी करनी चाहिए.
- इसी वजह से ट्रंप चाहते हैं. फिलहाल पाकिस्तान अपनी नौसेना को अरब सागर के उन इलाकों में तैनात करे जहां अमेरिकी सेना की मौजूदगी से संघर्ष का खतरा ज्यादा है.
- यानि ईरान के करीब और हूतियों के हमलों से प्रभावित लाल सागर क्षेत्र से ट्रंप अमेरिकी सेना को दूर रखना चाहते हैं.
- कुछ विशेषज्ञों का दावा है. अमेरिका मिडिल ईस्ट से भी अपने कुछ सैनिकों को निकालना चाहता है और इसकी भरपाई पाकिस्तानी सैनिक कर सकते हैं.
- इसके लिए डॉनल्ड ट्रंप पाकिस्तान को सैन्य सहायता देने की भी तैयारी कर रहे हैं. माना जा रहा है मुनीर के बार बार होने वाले अमेरिकी दौरे की वजह यही तैयारियां हैं.
ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में ही चाहते थे कि स्थानीय देश इस क्षेत्र में अपनी सेनाओं को तैनात करें. ताकि अमेरिकी सैनिकों को तैनात करने की जरूरत न पड़े. अब अमेरिका पाकिस्तान की मदद करके इस इलाके में अपने हित को साधना चाहता है और पाकिस्तान की सेना को अपने गार्ड की तरह इस्तेमाल करना चाहता है. अब ट्रंप एक बार फिर से पाकिस्तान को अपनी मिडिल ईस्ट नीति में शामिल करना चाहते हैं. और ट्रंप से सहयोग मिलने के बाद मुनीर अपनी हैसियत से बढ़कर बातें कर रहा है.