Maharashtra News: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर तूफान उठता दिख रहा है. एनडीए गठबंधन की सरकार में सब कुछ ठीक नहीं लग रहा. खबर है कि पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके करीबी नेता भारत गोगावाले ने हाल ही में हुई कैबिनेट मीटिंग से दूरी बनाई. इसकी वजह उनकी नाराजगी बताई जा रही है.
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Maharashtra Poltics: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर तूफान उठता दिख रहा है. एनडीए गठबंधन की सरकार में सब कुछ ठीक नहीं लग रहा. खबर है कि पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके करीबी नेता भारत गोगावाले ने हाल ही में हुई कैबिनेट मीटिंग से दूरी बनाई. इसकी वजह उनकी नाराजगी बताई जा रही है. आखिर क्या है इस सियासी हलचल का कारण? आइए समझते हैं.
कैबिनेट मीटिंग में शिंदे का गायब रहना
मीडिया रिपोर्ट में छपी खबर के मुताबिक, मंगलवार को महाराष्ट्र की कैबिनेट मीटिंग थी, लेकिन इसमें न तो एकनाथ शिंदे पहुंचे और न ही उनके खासमखास भारत गोगावाले. शिंदे रविवार से जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में थे. उन्हें इस मीटिंग के लिए मुंबई लौटना था, पर वह नहीं आए. गोगावाले भी गायब रहे. इससे सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई कि शिंदे खेमे में सब कुछ ठीक नहीं है.
नाराजगी की वजह क्या?
मूल मुद्दा रायगढ़ जिले को लेकर है. शिवसेना चाहती है कि उनके नेता भारत गोगावाले को रायगढ़ का प्रभारी मंत्री बनाया जाए, क्योंकि इस जिले में उनकी पार्टी का अच्छा प्रभाव है. लेकिन पहले एनसीपी की अदिति तटकरे का नाम इस जिम्मेदारी के लिए सामने आया था. शिवसेना ने इसका जोरदार विरोध किया, जिसके बाद अदिति का नाम वापस ले लिया गया. फिर भी अभी तक कोई नया नाम तय नहीं हुआ.
शिंदे को नहीं मिला रहा तवज्जो?
शिंदे को लग रहा है कि देवेंद्र फडणवीस की सरकार में उनकी पार्टी को कम तवज्जो दी जा रही है, जबकि अजित पवार की एनसीपी को ज्यादा महत्व मिल रहा है. शिंदे की दिल्ली यात्राहाल ही में शिंदे दिल्ली गए थे, जहां उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. माना जा रहा है कि उन्होंने अपनी नाराजगी को बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाया है. अब इस मामले में क्या सच्चाई है यह तो समय ही बताएगा. अभी तो बस अटकलें लग रही हैं.