Bhagalpur Flood: भागलपुर के चायचक गांव में गंगा किनारे 10 करोड़ की लागत से बना कटावरोधी कार्य बह गया। ग्रामीणों ने घटिया काम का आरोप लगाया है। विभाग पर उठे सवाल, ग्रामीणों में डर और नाराजगी.
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Bhagalpur Flood: भागलपुर में जल संसाधन विभाग एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है. सबौर प्रखंड के ममलखा पंचायत के चायचक गांव में गंगा किनारे लगभग 10 करोड़ की लागत से कराया गया कटावरोधी कार्य तेज बहाव की भेंट चढ़ गया है. कल शाम और आज सुबह में तीन हिस्सों में भीषण कटाव हुआ जिसके बाद ग्रामीणों में अफरातफरी मच गई. ग्रामीण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि कार्य के दौरान बालू के बजाय मिट्टी से भरी बोरियां लगाई गई थीं, जो पानी का दबाव नहीं झेल सकीं और बह गईं। ग्रामीणों ने बताया कि काम की गुणवत्ता बेहद खराब थी, और विभाग की ओर से निर्देशित मानकों का पालन नहीं किया गया। जबकि जल संसाधन विभाग का दावा है कि वहां जियो बैग में बालू भरकर डाला गया था.
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अब एक बार फिर विभाग द्वारा फिर उसी हिस्से में करोड़ों खर्च कर बचाव कार्य कराया जा रहा है, लेकिन लोगों में डर और अविश्वास का माहौल है.लोग अब रात भर जग के नदी की निगरानी कर रहे हैं कि कही फिर कटाव से घर बह न जाएं.
लोगों का सवाल है कि जब करोड़ों की योजनाएं जनता की गाढ़ी कमाई से बनती हैं, तो उसमें घटिया सामग्री क्यों इस्तेमाल की जाती है? ग्रामीणों ने जांच की मांग की है क्योंकि जो पैसे विभाग जनता के लिए खर्च करती है और सीधा सीधा पानी मे बह जा रहा है . यह सीधे तौर पर जनजीवन से खिलवाड़ है
इनपुट:यशवंत सिन्हा