Dhanbad: झोपड़ी में पली-बढ़ी अनिता टुडु बनीं अफसर, पहले प्रयास में पास की JPSE परीक्षा
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Dhanbad: झोपड़ी में पली-बढ़ी अनिता टुडु बनीं अफसर, पहले प्रयास में पास की JPSE परीक्षा

धनबाद की अनिता टुडु ने मिट्टी के घर में रहते हुए भी JPSE परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता पाई. उनका परिवार सब्जी बेचकर और मजदूरी करके पढ़ाई का खर्च उठाता था. प्रमाण पत्र बनवाने के दौरान सिस्टम की लापरवाही से परेशान होकर अनिता ने अफसर बनने का सपना देखा और उसे पूरा किया.

झोपड़ी में पढ़कर अनिता टुडु बनी अफसर
झोपड़ी में पढ़कर अनिता टुडु बनी अफसर

झोपड़ी में पली-बढ़ी एक लड़की जब अफसर बन जाती है, तो वह सिर्फ अपनी नहीं, हजारों संघर्षरत बच्चों की उम्मीदों को नई उड़ान देती है. धनबाद जिले के केंदुआडीह थाना क्षेत्र के जवाहर नगर में रहने वाली अनिता टुडु की कहानी कुछ ऐसी ही है. मिट्टी की झोपड़ी, टूटी छत, गरीबी और तमाम कठिनाइयों के बीच अनिता ने न सिर्फ पढ़ाई जारी रखी, बल्कि JPSE (झारखंड प्रारंभिक शिक्षा प्रतियोगिता परीक्षा) में पहले ही प्रयास में 278वीं रैंक हासिल कर अफसर बनने का सपना भी पूरा कर लिया.

अनिता के घर में रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना भी चुनौती होती थी. उनकी मां और बड़ी बहन खेतों में मेहनत करके सब्जी उगातीं और बाजार में बेचती थीं. भाई मजदूरी करता था ताकि अनिता की किताबें और पढाई का खर्च जुटाई जा सके. पूरे परिवार ने एक सपना देखा कि अनिता अफसर बनेगी.

अनीता ने बताया कि, 'घर की आर्थिक स्थिति कभी अच्छी नहीं रही. इसीलिए मैंने कुछ करने की ठानी. मुझे समझ आ गया कि शिक्षा से ही सब कुछ ठीक हो सकता है. 2022 में मैं आवासीय प्रमाण पत्र के लिए प्रखंड क्षेत्र पहुंची. मुझे नहीं पता था कि प्रमाण पत्र कैसे बनेगा. दफ्तर के चक्कर लगाने पड़े. मैंने व्यवस्था देखी. उसी समय मैंने अफसर बनने की ठान ली. मेरी सफलता में मेरे परिवार, शिक्षक, दोस्त, सबका हाथ है.

अनिता ने पुराने नोट्स, सस्ते गाइड और सीमित साधनों से पढ़ाई की. दिन में घर का काम, रात को किताबें… कई बार पेट खाली रहा, लेकिन हौसला कभी कम नहीं हुआ. वह कहती हैं, 'मेरी गरीबी मेरी ताकत बनी, मैंने सपने देखने नहीं छोड़े.'

अनिता की इस उपलब्धि से उनका परिवार और आसपास के लोग बहुत गर्वित है. जो लोग यह सोचते हैं कि आर्थिक तंगी के कारण वे कुछ नहीं कर सकते, यह गलत है. कड़ी मेहनत और लगन से सफलता अवश्य मिलती है. 

अनीता की मां ने बताया कि उनकी बेटी ने पढ़ाई के लिए बहुत मेहनत की थी. सब्जी बेचकर जो भी मिलता था, कमाने की कोशिश करती थी. उनकी बेटी सफल हो गई है. बहुत अच्छा लग रहा है. अब उम्मीद है कि पक्का मकान बन जाएगा. 

अनीता के शिक्षक ने बताया कि वह शुरू से ही मेहनती थी. उन्हें गर्व है कि उनके द्वारा पढ़ाया गया छात्र अब अफसर बनने जा रहा है. अनीता उन सभी के लिए मिसाल है, जो कहते हैं कि उनके पास कुछ नहीं है. अनीता के भाई ने कहा कि उसकी बहन सफल हो गई है, बहुत अच्छा लग रहा है. सभी उसे बधाई दे रहे हैं.

इनपुट- नितेश मिश्रा

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