Motihari News: रक्सौल के विवादित और चर्चित डीएसपी धीरेंद्र कुमार पर लगे गंभीर आरोपों के बाद पुलिस मुख्यालय ने उन्हें रक्सौल डीएसपी के पद से हटाकर मुख्यालय में प्रतिनियुक्त कर दिया गया है.
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East Champaran: बेतिया डीआईजी की जांच रिपोर्ट में रिश्वत और लापरवाही के आरोप के कई बात सामने आई थी. बेतिया डीआईजी हरिकिशोर राय की जांच में यह सामने आया कि रक्सौल के एक कपड़ा व्यवसायी से जुड़े एक मामले में डीएसपी पर केस से नाम हटवाने के बदले दलाल के माध्यम से पांच लाख रिश्वत लेने का आरोप है. इसके अलावा बिना किसी केस की गंभीरता को देखे ही कई मामलों का पर्यवेक्षण देने की बात भी रिपोर्ट में उजागर हुई है.
डीआईजी के जांच में यह बात भी सामने आया था कि पर्यवेक्षण के दौरान खूब गड़बड़ी हुई है. किसी एफआईआर में एक ही व्यक्ति को पहले केश ट्रू करते हुए उसे दोषी बताया गया तो फिर उसी केस में उसी व्यक्ति को डीएसपी के पर्यवेक्षण में दिलचस्प ढंग से निर्दोष बताया जाता था. जबकि, नियम कहता है कि एक बार जिसे डीएसपी ने दोषी बता दिया उसे वरीय अधिकारी ही निर्दोष साबित कर सकते है या वरीय अधिकारियों से आदेश लेकर डीएसपी उसे निर्दोष बता सकते है...पर रक्सौल डीएसपी ने पहले दोषी फिर निर्दोष बनाने के खेल में वरीय अधिकारियों का अनुमोदन नहीं लिया. इस बात की तस्दीक मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने भी किया है. वहीं, कुछ ही दिन पूर्व डीएसपी की तरफ से अपना जूता निकालकर बीच सड़क पर एक व्यक्ति को मारने का वीडियो वायरल हुआ था.
विवादों और आरोपों से भरा रहा रक्सौल डीएसपी का कार्यकाल
रक्सौल डीएसपी धीरेंद्र कुमार का कार्यकाल विवादों और आरोपों से भरा रहा. पहले इनके शुरुआती कार्यकाल के दौरान रक्सौल शहर ड्रग्स के आगोश में रहा. रक्सौल शहर के कई गली मुहल्ला चौक चौराहा ड्रग्स के अड्डा में तब्दील हो चुके थे. जब zee मीडिया में ड्रग्स कारोबार को बेनकाब किया और ड्रग्स बेचने वालों की तस्वीर दिखाई थी तब ड्रग्स कारोबारियों पर कर्रवाई के बजाए वीडियो बनाने के शक में एक युवक को बुलाकर हड़काने में लग डीएसपी धीरेन्द्र कुमार गए थे.
हरसिद्धि थाने के एक वांटेड का छौड़ादानो थाना में रोज आने जाने की खबर को जब Zee मीडिया ने दिखाया था तो तब के तत्कालीन एसपी कांतेश मिश्रा ने रक्सौल डीएसपी को जांच करने का आदेश दिया था. इस मामले में भी वांटेड वारंटी को गिरफ्तार करने के बजाए डीएसपी वीडियो वायरल करने वाले युवक को हड़काने में लग गए थे. रक्सौल के बबलू पासवान के कथित अपहरण मामले में जब हरैया प्रभारी पर प्राथमिकी दर्ज हुआ था तब इस मामले के पर्यवेक्षण का जिम्मा तत्कालीन एसपी कान्तेश मिश्रा ने रक्सौल डीएसपी से छीनकर सिकरहना के डीएसपी को दे दिया था.
वहीं, डीआईजी की रिपोर्ट पर हुई इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. इस बीच रक्सौल डीएसपी के स्थान पर फिलहाल साइबर थाना डीएसपी अभिनव परासर को अगले आदेश तक कार्यभार सौंपा गया है.
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बता दें कि बिहार में पुलिस महकमें में भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, लेकिन बिहार डीजीपी विनय कुमार, बेतिया डीआईजी हरिकिशोर राय और मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात के कार्यशौली ने बिहार के जनता पर एक अलग प्रभाव छोड़ा है.
रिपोर्ट: पंकज कुमार
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