Barari Vidhan Sabha Seat: कौन बनेगा बरारी का असली रहबर? वोटर बोले- इस बार मुद्दों को मिले प्राथमिकता
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Barari Vidhan Sabha Seat: कौन बनेगा बरारी का असली रहबर? वोटर बोले- इस बार मुद्दों को मिले प्राथमिकता

Bihar Chunav 2025: कटिहार के बरारी विधानसभा सीट पर इस बार चुनाव रोजगार, उद्योग, रेल प्रोजेक्ट एवं बाढ़ से बचाव जैसे मुद्दों के इर्द-गिर्द होने वाला है. यहां मुस्लिम, ओबीसी और ईबीसी की निर्णायक भूमिका होगी.

बरारी विधानसभा में जनता का एजेंडा
बरारी विधानसभा में जनता का एजेंडा

Barari Vidhan Sabha Seat: कटिहार ज़िले के बरारी विधानसभा क्षेत्र में इस बार विधानसभा चुनाव को लेकर जबरदस्त हलचल देखी जा रही है. इस क्षेत्र के लोग बीते कई सालों से रोजगार, शिक्षा, पलायन, मखाना-मक्का उद्योग, और रेल कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी मांगों को लेकर लगातार आवाज उठा रहे हैं. इलाके में कुरसेला-बिहारीगंज रेल परियोजना शुरू करने, काढ़ागोला घाट से पीरपैंती पुल निर्माण, गंगा किनारे नए पुल, दियारा इलाकों का विकास और बाढ़ व कटाव की समस्याओं से राहत जैसे मुद्दे भी स्थानीय जनता के लिए बहुत अहम हैं. पीड़ित परिवारों को बासगीत पर्चा और इंदिरा आवास की मांग लंबे समय से चली आ रही है.

पिछले विधानसभा चुनाव में यहां कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. 2020 के चुनाव में जेडीयू के विजय सिंह निषाद ने राजद के नीरज कुमार यादव को बेहद कम अंतर से हराया था. इससे पहले, 2015 में नीरज कुमार यादव (राजद) विजयी रहे थे. 2010 में यह सीट भाजपा के विभाष चंद्र चौधरी के खाते में गई थी. इसके चलते यहां हर बार जातीय समीकरण और पार्टी गठजोड़ नतीजे बदलते रहे हैं.

इस बार भी चुनावी मैदान में कई दिग्गज उतरने को तैयार हैं. एनडीए से विजय सिंह निषाद दोबारा मैदान में हैं, तो वहीं महागठबंधन की ओर से नीरज कुमार यादव की पत्नी कुमारी बेबी की चर्चा तेज है. राजद के कुंदन यादव, भाजपा से बबीता कश्यप और जनसुराज से डॉ. गाजी अहमद शरीक भी दावेदार माने जा रहे हैं. इसके साथ ही AIMIM जैसे दल भी सक्रिय हैं. जातिगत आंकड़ों की बात करें तो मुस्लिम वोटर (34%), ओबीसी (20%), और ईबीसी (30%) की भूमिका निर्णायक होगी. यादव, निषाद, कलवार, गंगौता, वैश्य और स्वर्ण वर्ग की भी अहम भागीदारी है.

बरारी विधानसभा में 2 लाख 93 हजार 537 वोटर हैं, जिनमें करीब डेढ़ लाख पुरुष और लगभग 1.4 लाख महिला मतदाता हैं. क्षेत्र के धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों में श्री तेग बहादुर गुरुद्वारा, गंगा-कोशी संगम स्थल और कभी रघुवंश सिंह इस्टेट का हवाई जहाज उड़ाने वाले ऐतिहासिक किस्से भी चर्चित हैं. इन सबके बीच, स्थानीय लोग एक आश्यावान नजरिए से विकास, रोजगार और तेज कनेक्टिविटी की ओर देख रहे हैं.

बरारी सीट पर एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है. जिले में एनडीए की स्थिति बेहतर बताई जा रही है, मगर जनता के मुद्दों पर किसकी बात ज्यादा विश्वसनीय मानी जाती है, यह चुनावी नतीजा तय करेगा. रोजगार, रेल लाइन प्रोजेक्ट और बाढ़ से स्थायी निजात जैसी मांगें इस चुनाव को निर्णायक बना रही हैं. जनता चाहती है कि इसबार उसका मत विकास के मुद्दे को ताकत दे.

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