Mukhyamantri Bhikshavriti Nivaran Yojana: बिहार सरकार की एक क्रांतिकारी योजना है, जो भिक्षावृत्ति जैसी सामाजिक कुरीति को खत्म करने और भिक्षुकों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए शुरू की गई है. इस योजना के तहत बुजुर्ग और अशक्त भिखारियों के लिए भिक्षुक पुनर्वास गृह की भी व्यवस्था की गई है.
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Mukhyamantri Bhikshavriti Nivaran Yojana: भीख मांगना (भिक्षावृत्ति) हमारे समाज के लिए एक गंभीर समस्या और कलंक की तरह है, लेकिन कई बार परिस्थितियां इंसान को इसके लिए मजबूर कर देती हैं. हालांकि, कुछ लोगों ने इसे पेशे और धंधे के रूप में अपना लिया है. देश में भिक्षावृत्ति एक व्यवसाय के रूप में भी विकसित हो चुका है. बिहार में भिक्षावृत्ति को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य भिक्षावृत्ति का उन्मूलन और पुनर्वास करना है. सीएम नीतीश की इस योजना ने बीते कुछ सालों में हजारों भिखारियों की जिंदगी बदल दी है. पहले जो भीख मांगकर जीवन यापन करते थे, वो आज आत्मनिर्भर हो गए हैं.
यह योजना बिहार के उन लोगों को समर्पित है जो भिक्षावृत्ति पर निर्भर हैं और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. नेटवर्क-18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग की ओर से चलाई जा रही मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना की वजह से बिहार के 9 हजार 226 भिखारियों को भिक्षावृत्ति के अभिशाप से निजात मिली है. वहीं, बिहार सरकार ने 1,873 भिक्षुओं को रोजगार भी दिया है. यह योजना भिखारियों को स्वरोजगार से भी जोड़ने का काम कर रही है. इस योजना के तहत बुजुर्ग और अशक्त भिखारियों के लिए भिक्षुक पुनर्वास गृह की भी व्यवस्था की गई है.
इस योजना के तहत भिखारियों को स्वरोजगार खड़ा करने के लिए सरकार की ओर ₹10,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. इतना ही नहीं उन्हें शिक्षा, रोजगार, और पुनर्वास जैसे कई लाभ भी दिए जाते हैं. यह योजना भिक्षुओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है. इस योजना में भिखारियों को छोटे व्यवसाय के लिए 10,000 रुपये की एकमुश्त राशि मिलती है. इसके साथ ही उनका आधार कार्ड और बैंक खाता खुलवाने में मदद की जाती है. वृद्ध, विधवा, या दिव्यांग भिक्षुओं को पेंशन मिलती है. बच्चों की शिक्षा और भिक्षुओं के लिए कौशल प्रशिक्षण का बंदोबस्त किया जाता है.
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इस योजना में बिहार के मूल निवासी होने पर ही लाभ मिलेगा. आवेदक और उसका परिवार भिक्षावृत्ति पर निर्भर होना चाहिए. कोई आयु सीमा नहीं, लेकिन बाल भिक्षुकों और वृद्धों के लिए विशेष प्रावधान हैं. योजना का लाभ लेने के लिए आपकी आर्थिक स्थिति को दर्शाने वाला प्रमाण पत्र, जो तहसीलदार या संबंधित अधिकारी से प्राप्त किया जा सकता है. यदि आप विकलांग हैं या कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर द्वारा जारी प्रमाण पत्र होना चाहिए. योजना का लाभ लेने के लिए अपने जिले के जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग या जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (सक्षम कार्यालय) में जाएं और संबंधित अधिकारी से संपर्क करें और Mukhyamantri Bhikshavriti Nivaran Yojana के लिए आवेदन फॉर्म प्राप्त करें. फॉर्म भरकर जमा कर दें और रसीद भी ले लें. भौतिक सत्यापन के बाद योग्य भिक्षुओं को इस योजना का लाभ प्रदान किया जाता है.