दिल्ली नहीं, ये है देश का सबसे प्रदूषित शहर; जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर लोग
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दिल्ली नहीं, ये है देश का सबसे प्रदूषित शहर; जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर लोग


Pollution In India: प्रदूषण को लेकर सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली देश के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर है. पहले नंबर पर असम-मेघालय बॉर्डर पर स्थित बर्नीहाट शहर है.  

दिल्ली नहीं, ये है देश का सबसे प्रदूषित शहर; जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर लोग

Most Polluted City Of India: हाल ही में ऊर्जा एवं स्वच्छ वायु अनुसंधान केन्द्र ( CREA) की ओर से साल 2025 के पहली छमाही में देशभर की एयर क्वालिटी के विश्लेषण को लेकर एक रिपोर्ट पेश की है. रिपोर्ट के मुताबिक  प्रदूषण के मामले में दिल्ली अभी भी देश के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर है.  इस लिस्ट में असम-मेघालय बॉर्डर पर स्थित बर्नीहाट सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में पहले नंबर पर है. 

वायु प्रदूषण का कहर 
रिपोर्ट के अनुसार निगरानी किए गए कुल 293 शहरों में से 122 शहरों ने भारत के वार्षिक राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों ( NAQS) 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को पार कर लिया. वहीं 117 शहर इस रेखा से नीचे रहे. यानी इस साल के प्रथम 6 महीने में कुल 122 शहर प्रदूषित रहे. विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) के मानकों के हिसाब से सभी 239 शहर वायु प्रदूषित शहरों की लिस्ट में शामिल हैं.  

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दिल्ली में वायु प्रदूषण 
बता दें कि दिल्ली ने इस साल की शुरुआत में ही WHO के वार्षिक PM 2.5 मानक को पार कर लिया था. वहीं 5 जून 2025 तक NAQS के लेवल को भी पार कर लिया था. यानी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के बाद अब दिल्ली वायु प्रदूषण के मामले में बाकी बचे 6 महीने में अपनी स्थिति सुधारने में नाकामयाब हो जाएगी. बर्नीहाट-दिल्ली के साथ देश के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में गाजियाबाद, गुरुग्राम, हाजीपुर, सासाराम, पटना, राजगीर, तालचेर और राउरकेला भी शामिल हैं.     

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प्रदूषण का कारण 
रिपोर्ट के अनुसार किसी भी शहर की एयर क्वालिटी में सुधार करने के लिए जीवन अवधि समाप्त कर चुके वाहनों पर प्रतिबंध लगाना बेहद जरूरी है, हालांकि ये केवल इकलौता समाधान नहीं हो सकता है. इसके लिए शहर में सालभर प्रदूषण बढ़ाने वाली अन्या समस्याओं पर भी ध्यान देना बेहद जरूरी है. पोर्टल फॉर रेगुलेशन ऑफ एयर पॉल्यूशन इन नान अटेनमेंट सिटीज (PRANA) और IIT दिल्ली की ओर से की गई एक स्टडी के मुताबिक वायु प्रदूषण में गाड़ी-मोटरगाड़ियों का योगदान केवल 17-18 फीसदी ही है. जबकि आवासीय गतिविधियों, धूल, पराली जलने, फैक्ट्री और धूल का भी इसमें अधिक योगदान होता है.  

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