शुभांशु शुक्ला पर 550 करोड़...पहले अंतरिक्षयात्री पर भारत ने खर्च किए थे कितने करोड़
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शुभांशु शुक्ला पर 550 करोड़...पहले अंतरिक्षयात्री पर भारत ने खर्च किए थे कितने करोड़

Shubhanshu Shukla Latest News: अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला बुधवार शाम 5.30 बजे एक्सिओम-4 मिशन के जरिये अंतरिक्षयात्रा रवाना होने वाले थे, लेकिन ऐन वक्त पर ये टल गया. इससे पहले पंजाब के पटियाला जिले के रहने वाले राकेश शर्मा सोवियत मिशन के जरिये स्पेस मिशन पर गए थे.

Rakesh Sharma Shubhanshu Shukla
Rakesh Sharma Shubhanshu Shukla

Shubhanshu Shukla Axiom-4 Mission Highlights: अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष मिशन पर जाने वाले दूसरे भारतीय बनकर इतिहास रचने वाले हैं. लेकिन भारत के पहले एस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा के बारे में आप कितने जानते हैं. उनसे जुड़े कुछ रोचक किस्से भी सामने आए हैं.राकेश शर्मा भारत-सोवियत संघ मिशन के तौर पर 1984 में अंतरिक्ष यात्रा पर गए थे. राकेश शर्मा ने सोयुज टी-11 स्पेसक्रॉफ्ट से सोवियत कजाकिस्तान के बैकानूर अंतरिक्ष केंद्र से 3 अप्रैल 1984 को उड़ान भरी थी. हालांकि शुभांशु जिस एक्सिओम-4 मिशन के जरिये 11 जून शाम 5.30 बजे अंतरिक्ष रवाना होने वाले थे, उसे टाल दिया गया है. 

ये भारत और सोवियत संघ के बीच रिश्तों का ऐतिहासिक उदाहरण था. सोवियत संघ ने 1978 से 1991 के बीच 17 गैर सोवियत संघ के अंतरिक्षयात्रियों को स्पेस मिशन पर भेजे था. सोवियत संघ ने भारत के शुरुआती सैटेलाइट आर्यभट्ट (1975), भास्कर 1(1979) और भास्कर 2(1981) के सफल प्रक्षेपण में भी मदद की.इंदिरा गांधी की 1980 में सोवियत यात्रा के बाद भारतीय अंतरिक्षयात्री को स्पेस मिशन पर भेजे जाने पर मुहर लगी.

राकेश शर्मा पटियाला में 13 जनवरी 1949 को जन्मे थे और जुलाई 1966 में नेशनल डिफेंस एकेडमी में शामिल हुए. वो 1979 में एयरफोर्स पायलट बने. राकेश शर्मा ने 7 दिन 21 घंटे 40 मिनट अंतरिक्ष में बिताए थे. उनके स्पेस मिशन पर भारत ने अपनी ओर से कोई खर्च नहीं किया था, वो सोवियत संघ के अंतरिक्ष मिशन के जरिये ही गए थे.

भारत का 548 करोड़ खर्च
शुभांशु शुक्ला एक्सोम-4 मिशन के जरिये अंतरिक्षयात्रा पर रवाना होंगे. इस स्पेस मिशन पर भारत ने 548 करोड़ रुपये खर्च किए. इसमें शुभांशु शुक्ला और उनके बैकअप के तौर पर ट्रेनिंग लेने वाले ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर की ट्रेनिंग शामिल है.

अंतरिक्ष में योगाभ्यास
राकेश शर्मा स्पेस मिशन के दौरान इंदिरा गांधी, रक्षा मंत्री वेंकटरमन और राष्ट्रपति ज्ञानी जैनल सिंह की तस्वीरें साथ ले गए थे. उन्होंने अंतरिक्ष से तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी से बात भी की थी. जब पीएम ने पूछा था, भारत स्पेस से कैसा दिखता है- तो उन्होंने कहा था, सारे जहां से अच्छा. लेकिन यहां भगवान तो नहीं दिखे. राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण शून्य होने के कारण योगाभ्यास करते थे.

राकेश शर्मा 21 साल की उम्र में बने एयरफोर्स पायलट
21 साल की उम्र में पायलट बने राकेश शर्मा ने पाकिस्तान के साथ 1965 की जंग के दौरान कई बार मिग-21 से उड़ान भरी और दुश्मन को सबक सिखाया. बाद में अनुभव के साथ वो स्क्वाड्रन लीडर बने

1000 घंटे की कठोर ट्रेनिंग
Space मिशन से पहले एक साल का कठोर प्रशिक्षण होता है. ऐसे अंतरिक्ष अभियान के लिए 700 से 1000 घंटे की ट्रेनिंग अंतरिक्षयात्रियों को दी जाती है. एस्ट्रोनॉट को ये ट्रेनिंग अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा, स्पेसएक्स (SpaceX), JAXA और ESA एजेंसियों ने तैयार की है. इसमें मेडिकल टेस्ट, अंतरिक्ष में रहने की स्पेस मॉड्यूल ट्रेनिंग, अंतरिक्ष स्टेशन पर काम करने की ट्रेनिंग और मेंटल एप्टीट्यूड ट्रेनिंग शामिल है.

तीन देशों का संयुक्त अभियान
इसरो ने अमेरिका की प्राइवेट कंपनी एक्सिओम स्पेस के साथ  Ax-4 स्पेस मिशन में शुभांशु शुक्ला के लिए एक सीट आरक्षित की है. ये मिशन नासा, इसरो और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का संयुक्त अभियान है. स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल और फाल्कन 9 रॉकेट के जरिये ये स्पेश मिशन लांच होगा. 

 

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