Bastar Farmer News: बस्तर के रहने वाले युवा विवेक ने मल्टीनेशनल कंपनी में 8 लाख सैलरी वाली नौकरी छोड़ खेती की तरफ रुख अपनाया है. जिससे अच्छा खासा मुनाफा भी हो रहा है. वहीं उन्होंने बताया कि मुझे बचपन से ही खेती करने का शौक था. मुझे मेरी दादी ने खेती के बारे में सिखाया था.
Trending Photos
Bastar Success Story: छत्तीसगढ़ का अधिकतर क्षेत्र नक्सलियों से प्रभावित माना जाता है. बस्तर समेत कई इलाके भी काफी समय से इन्हीं के गिरफ्त में रहे हैं. लेकिन अब यहां के युवा पढ़ाई लिखाई कर बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी कर रहे हैं, जहां पर लाखों में पैकेज मिलता है. ऐसा ही एक युवा बस्तर का रहने वाला है, जिसने इंजीनियरिंग, एमबीए जैसी डिग्रियां लेने के बाद मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने लगा, जहां पर उसका पैकेज 8 लाख रुपए सालाना था. लेकिन इस युवा ने नौकरी को छोड़कर खेती की तरफ रुख अपनाया है.
दरअसल, यह युवा 28 साल का है, जिसका नाम विवेक भरत है. विवेक ने बताया कि मैने इंजीनियर के बजाय किसान के रूप में अपनी पहचान बनाई है. खेती कर शहर के कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं. अच्छा खासा मुनाफा भी कमा रहे हैं. विवेक ने बताया कि चार साल पहले मैने भिलाई के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी, उसके बाद परिवार के कहने पर गोवा में ऑटोमोबाइल कंपनी में मुझे जॉब करने लगा. वहां पर 8 लाख रुपए का सालाना पैकेज भी मिला था. लेकिन मेरा मन नौकरी करने में नहीं लगा.
दादी से सीखी खेती
इसके बाद विवेक ने 8 लाख सैलरी वाली नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया. उन्होंने बताया कि मेरा बचपन से ही खेती करने में मन लगता था. मेरी दादी मुझे रोजाना खेत में ले जाती थीं और खेती के बारे में सभी जानकारी भी देती थीं. इतना ही नहीं मेरी दादी खेती के फायदे के बारे में भी बताती थी. विवेक ने बताया कि ज्यादातर मेरे दोस्त भी खेती बाड़ी से जुड़े हैं. इसी लिए मैं भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बावजूद मैं खेती करने के बारे में सोचता था.
कई बीमारियां लगी
विवेक ने बताया मैने जब नौकरी छोड़ी, तो मैने खेती करने का फैसला किया. इसका परिवार वालों ने भी समर्थन किया और सहयोग बढ़ाया. हालांकि शुरूआती दिनों में खेती के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन हौसला नहीं तोड़ा. अनुभव कम था, तो धान की फसल में नुकसान हुआ. धान की फसल में तना छेदक, बंकी और झुलसा जैसी बीमारियां लग गई थी.
फसलों की पैदावार
इसके बाद उन्होंने अमरूद के पौधे लगाए, तो उसमें एंथ्रेक्नोज, उकठा रोग और छाल भक्षक कीट जैसी बीमारियां लग गई थी. वहीं चीकू में पत्ती धब्बा रोग, चपटा अंग रोग और सूटी मोल्ड रोग लग गए थे. जब फसल खराब हुई तो मैने कृषि विशेषज्ञों, अनुभवी किसानों से मुलाकात की. वहीं उनसे जानकारी लेकर कीटनाशकों का उपयोग किया, जिससे फसल की अच्छी पैदावार होने लगी.
काफी अच्छा मुनाफा
विवेक ने कहा कि शुरूआत में जब भिंडी, करेला जैसी सब्जियों की खेती, लेकिन बाद में जवाफुल, तुलसी मंजरी जैसी सुगंधित धान की खेती की शुरूआत की. साथ ही आम, चीकू, अमरूद, शहतूत आदि फलदार पौधे लगाए. इसके बाद धीरे-धीरे मुनाफा बढ़ने लगा. वहीं आगे बताया कि धान की खेती को सिर्फ मल्चिंग विधि से कर हूं, बाकी सभी फसलें इजराइली तकनीक से खेती कर रहे हैं. जिससे काफी अच्छा मुनाफा भी मिल रहा है. (सोर्सः भास्कर)
मध्य प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें MP News और पाएं MP Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी । मध्य प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!