Gwalior News: ग्वालियर में अनुकंपा नियुक्ति के नाम पर ऐसा फर्जीवाड़ा हुआ है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है. क्योंकि यहां जिंदा पिता को ही मरा हुआ बताकर बेटों ने अनुकंपा नियुक्तियां ली हैं.
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MP News: यूं तो आपने मध्य प्रदेश में कई अजब-गजब खबरें सुनी होगी, लेकिन ये खबर कुछ ज्यादा ही गजब है जो ग्वालियर से जुड़ी हुई है. क्योंकि यहां अनुकंपा नियुक्ति के नाम पर पीएचई विभाग में ऐसा गड़बड़छाला हुआ है कि हर कोई सुनकर यही कहता है कि यह तो गजब कर दिया. क्योंकि पहले जिंदा पिता को मरा हुआ बताकर एक बेटे ने नौकरी ली और फिर जब पिता का सही में निधन हो गया तो छोटे बेटे ने नौकरी ले ली, वहीं जब बड़े बेटे की मौत हो गई तो उसकी जगह पर उसकी पत्नी ने अनुकंपा नियुक्ति ले ली. यानि जिस परिवार को केवल एक ही नौकरी मिलनी थी, वहां पीएचई विभाग में एक के बाद एक तीन-तीन अनुकंपा नियुक्तियां ली गई हैं.
ग्वालियर के पीएचई विभाग का मामला
दरअसल, यह पूरा मामला ग्वालियर के पीएचई विभाग से जुड़ा है, यहां काम करने वाले पंप अटेंडर भूप सिंह को उनके बड़े बेटे रवि ने कागजों में मृत बताकर उनकी जगह पर अनुकंपा नियुक्ति ले ली, जबकि भूप सिंह उस समय उसी विभाग में नौकरी कर रहे थे. वहीं जब सच में भूप सिंह की नौकरी पर रहते हुए मौत हो गई थी उनके छोटे बेटे पुष्पेंद्र को भी अनुकंपा नियुक्ति मिल गई. यानि एक पिता को एक बेटे ने फर्जी तरह से मृत बताकर नौकरी ली तो दूसरे ने वास्तविक मौत होने के बाद अनुकंपा नियुक्ति ले ली. इसके बाद दोनों भाई लंबे समय तक एक ही विभाग में पिता की अनुकंपा के नाम पर नौकरी करते रहे.
बेटे की जगह बहू ने भी ली नौकरी
ग्वालियर यह फर्जीवाड़ा यही खत्म नहीं हुआ बल्कि इससे और आगे चला गया. जब बड़े बेटे रवि की मौत हो गई तो उसकी जगह पर उसकी पत्नी उमा राजपूत को अनुकंपा नियुक्ति दी गई. यानि जिस परिवार में केवल एक ही अनुकंपा नियुक्ति होनी थी, वहां पर तीन-तीन नौकरियां ली गई, क्योंकि देखा जाए तो भूप सिंह की मौत पर परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी मिलनी थी, लेकिन सब ने नौकरियां ले ली.
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कैसे हुआ यह फर्जीवाड़ा
5 सितंबर 2008 को भूप सिंह के बड़े बेटे रवि राजपूत की पीएचई विभाग में हेल्पर के पद पर नियुक्ति हुई. उसके नियुक्ति पत्र में कहा गया कि 2007 में पिता भूप सिंह का निधन होने की वजह से उनके बेटे रवि को पीएचई विभाग में खाली पद पर नौकरी दी जाती है. इसके बाद 30 अक्टूबर 2021 को सच में भूप सिंह की मौत हो गई. इस आधार पर छोटे बेटे पुष्पेंद्र ने 10 फरवरी 2023 को उनकी जगह प नौकरी ज्वाइन की थी, जिसमें यही लिखा था कि पिता की जगह उसे नौकरी मिली. वहीं 10 जून 2022 को बड़े बेटे रवि की मौत हो गई, जो पीएचई विभाग में हेल्पर के पद पर तैनात था, ऐसे में उनकी मौत पर पत्नी उमा राजपूत ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया और उन्हें भी सहायक केमिस्ट के पद पर सरकारी नौकरी दी गई.
वहीं बाद में जब उमा राजपूत की अनुकंपा नियुक्ति को लेकर पीएचई विभाग में जांच शुरू हुई तो वह फर्जी पाई गई. इसके बाद परत दर परत पूरा मामला सामने आ गया. वहीं इस मामले में अब जांच शुरू हो गई है. जिसके बाद उमा राजपूत को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी कर दिया गया है. (सोर्स दैनिक भास्कर)
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