Gwalior News: ज्यादा reel देखने से तेजी से बढ़ रहा है इस बीमारी का खतरा, दिमाग हो सकता है डैमेज!
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Gwalior News: ज्यादा reel देखने से तेजी से बढ़ रहा है इस बीमारी का खतरा, दिमाग हो सकता है डैमेज!

MP News: लगातार रील देखने की लत युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो रही है. विशेषज्ञों के अनुसार, ग्वालियर में एक साल में ऐसे मामलों में 40% की वृद्धि हुई है. डॉक्टरों ने इससे बचने के लिए कुछ ज़रूरी उपाय सुझाए हैं.

 

Gwalior News: ज्यादा reel देखने से तेजी से बढ़ रहा है इस बीमारी का खतरा, दिमाग हो सकता है डैमेज!

Gwalior News In Hindi: इन दिनों सोशल मीडिया पर रील्स का चलन काफी बढ़ गया है. बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई इसका आदी हो गया है. दिन-रात फोन पर रील्स खेलना आम बात हो गई है. लेकिन क्या आपको पता है दिन-रात रील्स देखने की आदत आपको खतरे में डाल सकती है? जी हां हाल ही में ग्वालियर के जेएएच अस्पताल के मानसिक रोग विभाग के आंकड़े के अनुसार पिछले एक साल में 18 से 30 साल के युवाओं में मानसिक परामर्श लेने वालों की संख्या में 40% का इजाफा हुआ है. ऐसे में डॉक्टर ने इस आदत से छुटकारा पाने के कुछ उपाय सुझाए हैं.

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ज्यादा रील्स देखना पड़ सकता है भारी
दरअसल, आजकल युवाओं में रात को सोने से पहले रील देखने की आदत आम हो गई है, लेकिन यह उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार इस आदत के कारण 'डिजिटल एंग्जायटी' तेजी से बढ़ रही है. ग्वालियर के जेएएच अस्पताल के मनोरोग विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि पिछले एक साल में 18 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं में मानसिक परामर्श लेने वालों की संख्या में 40% की वृद्धि हुई है. लगातार रील देखने से दिमाग को मिलने वाले 'डोपामाइन हिट्स' के कारण व्यक्ति बेचैनी महसूस करता है और उसकी नींद का पैटर्न गड़बड़ा जाता है. यह आपके दिमाग के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है.

दिमाग पर पड़ सकता है असर
मनोचिकित्सक डॉ.अतर सिंह के अनुसार, रील देखने से नींद पर बुरा असर पड़ता है. यह आदत धीरे-धीरे डिप्रेशन और सामाजिक अलगाव का कारण बन सकती है, जिसका असर आपके दिमाग पर भी पड़ सकता है.

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जानें उपाय
मनोचिकित्सक डॉ.अमन किशोर ने बताया कि अगर आप रील्स से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो आपको सोशल मीडिया के इस्तेमाल की समय सीमा तय कर देनी चाहिए. सोने से कम से एक घंटा पहले मोबाइल को बंद कर देना चाहिए. इसकी जगह आप धीमा संगीत या मेडिटेशन कर सकते हैं. और अगर आपको लगातार बेचैनी, अनिद्रा या चिड़चिड़ापन महसूस हो रहा है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

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