Dalit Acrocities: दलित की बारात को मंदिर में नहीं मिली एंट्री, तो मजार पर टेका माथा; जानिए मामला
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Dalit Acrocities: दलित की बारात को मंदिर में नहीं मिली एंट्री, तो मजार पर टेका माथा; जानिए मामला

Indore News: इंदौर में कुछ लोगों ने एक दलित दूल्हे की बारात को मंदिर जाने से रोक दिया. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस की समझाइश के बाद सिर्फ दूल्हे को मंदिर में प्रवेश मिला. इससे नाराज दलित लोगों ने मजार में जाकर भी आशीर्वाद लिया. 

इमेज सोर्स- सोशल मीडिया
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Dalit Acrocities in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के इंदौर से दलित की बारात को मंदिर जाने से रोकने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि इंदौर के सांघवी गांव में दलित की बारात को मंदिर जाने से कुछ लोगों ने मना कर दिया और मंदिर में ताला लगा दिया. हालांकि, वाद-विवाद बढ़ने और पुलिस के पहुंचने के बाद सिर्फ दूल्हे को मंदिर में प्रवेश मिला. वहीं, इस बात से नाराज बाराती और दूल्हा मजार में जाकर आशीर्वाद लिए. जिसके बाद बारात आगे बढ़ी. 

दरअसल, मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, इंदौर जिले के सांघवी गांव में सोमवार को एक दलित दूल्हे को मंदिर में प्रवेश करने से रोके जाने के बाद जमकर विवाद हुआ. देपालपुर निवासी दूल्हा अपनी बारात लेकर राजस्थान के गीठान जा रहा था. इसी दौरान रास्ते में सांघवी गांव के राम मंदिर में दर्शन करने पहुंचे दूल्हे और उसकी बारात को कुछ लोगों ने मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया. इस घटना से आक्रोशित होकर दलित समुदाय के लोगों ने जमकर हंगामा किया.

मजार पर जाकर लिया आशीर्वाद
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन राजपूत समाज के लोग अपनी बात पर अड़े रहे. लगभग दो घंटे तक चले विवाद के बाद पुलिस ने दूल्हे को अकेले मंदिर में दर्शन करवाए. बलाई समाज से ताल्लुक रखने वाले पीड़ित परिवार ने इसके बाद मजार पर जाकर बाबा के पैर छुए और अपनी बारात आगे बढ़ाई. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उन्हें मंदिर में दर्शन नहीं करने दिया जाएगा, तो वे इसी तरह मजार पर दर्शन कर अपनी परंपरा को आगे बढ़ाएंगे.

जानिए क्या है सच्चाई? (Latest Update)
बेटमा थाना क्षेत्र से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में दावा किया जा रहा है कि दलित समाज के लोगों को मंदिर में दर्शन करने से रोका गया, लेकिन इस मामले की सच्चाई कुछ और है. पुलिस ने बताया कि दलित समाज की बारात मंदिर में पहुंची थी. वहां कुछ लोग गर्भगृह में जाने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें पुजारी ने रोका. बताया जा रहा है कि बारात में शामिल कुछ लोग शराब के नशे में थे, इसी कारण पुजारी ने उन्हें गर्भगृह में जाने से मना किया. इस बात को लेकर थोड़ी कहासुनी जरूर हुई, लेकिन इसे जातीय रंग देकर जो वीडियो वायरल किया जा रहा है, वह गलत है. पुलिस का कहना है कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर झूठी बातें फैलाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. गलत जानकारी के साथ वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

 

जानिए क्या बोले ग्रामीण एएसपी
इस पूरे मामले पर ग्रामीण एएसपी रुपेश द्विवेदी ने कहा, "बेटमा थाना क्षेत्र के सांघवी गांव में दलित दूल्हे को मंदिर में प्रवेश से रोकने जैसी अफवाह सोशल मीडिया पर प्रचारित हो रही है, जो भ्रामक है. दूल्हे एवं उनके परिजन द्वारा मंदिर में जाकर पूजा की गई. उसके बाद शांतिपूर्वक बारात निकाली गई.

मंदिर में रोकने के बात गलत
हलांकि, इस पूरे मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मंदिर में प्रवेश के रोकने की बात गलत है. बारात ने मंदिर में दर्शन किए, लेकिन कुछ बाराती गर्भगृह में दर्शन करने जा रहे थे. इस बात को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हुआ था. समाज के लोगों का आरोप है कि उनके साथ हमेशा से भेदभाव किया जाता है. फिलहाल पूरे मामले को पुलिस ने नियंत्रण में कर लिया है. 

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