'किसी ने सिखाया तो नहीं'? बुजुर्ग बोले कुछ ऐसा कि CM मोहन को खिलवानी पड़ी कसम, बोले- खाओ भगवान कसम...
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'किसी ने सिखाया तो नहीं'? बुजुर्ग बोले कुछ ऐसा कि CM मोहन को खिलवानी पड़ी कसम, बोले- खाओ भगवान कसम...


MP News: गुना में बाढ़ प्रभावितों को सहायता राशि प्रदान करने के दौरान सीएम के साथ एक अजीबो-गरीब वाक्या उस वक्त हुआ. जब एक बुजुर्ग ने प्रशासन की तारीफ की. इस दौरान सीएम ने पूछा- कि आपको किसी ने सिखाकर तो नहीं बैठाया है. आपको भगवान की कसम...

'किसी ने सिखाया तो नहीं'? बुजुर्ग बोले कुछ ऐसा कि CM मोहन को खिलवानी पड़ी कसम, बोले- खाओ भगवान कसम...

Guna News: गुना जिले के अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित लोगों को को राहत राशि प्रदान की गई. इस दौरान सीएम मोहन यादव वर्चुअल माध्मय से जुड़े और सिंगल क्लिक करे रजिए उनके खाते में सहायता राशि ट्रांसफर की. करीब 6 हजार से अधिक बाढ़ प्रभावितों के खाते में सिंगल क्लिक के जरिए यह राशि भेजी गई.  इस दौरान सीएम मोहन यादव एक अलग ही अंदाज़ में नजर आया. जब उन्होंने एक बुजुर्ग को भगवान की कसम खाने को बोला.

दरअसल, आज यानी शुक्रवार को सीएम मोहन यादव वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़कर गुना के लोगों को सहायता राशि भेज रहे थे. इस दौरान स्थानीय विधायक पन्नालाल शाक्य समेत अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. सीएम ने 6000 से अधिक पीड़ितों के खाते में यह सहायता राशि भेंजी. जिसमें करीब चार हजार गुना और बमोरी इलाके के हैं.

आपको भगवान की कसम
जब मुख्यमंत्री मोहन यादव पैसा गल क्लिक के जरिए ट्रांसफर कर रहे थे, तो एक बुजुर्ग ने प्रशासन की जमकर तारीफ की. बुजुर्ग की तारीफ सुनकर मुख्यमंत्री मोहन यादव मुस्कुराने लगे और उन्होंने सीधी बुजुर्ग से पूछ लिया, "आपको भगवान की कसम, सच-सच बोलना, सिखा-पढ़ाकर तो नहीं बैठाया? कि आपको यही बोलना है. " इस पर बुजुर्ग ने कहा कि नहीं साहब हम अपने मन से बोल रहे हैं.

गौरतलब है कि पिछले महीने 29 जुलाई को गुना जिले में मसूलाधार पानी हुई थी. इस दौरान  कई कॉलोनियों में पानी भर गया था. इससे आम जनता को काफी नुकसान हुआ था. घरों में पानी भरने से घर का सामान खराब हो गया था. बाढ़ जैसी हालात होने के बाद 4 अगस्त को सीएम मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को सर्वे का निर्देश दिया था. 

सीएम और बुजुर्ग के बीच क्या हुई बात

"सीएम : बताएं मलकीत सिंह जी?

मलकीत सिंह : सर, प्रणाम. हमारे गांव में सुबह करीब पौने 4 बजे बाढ़ आई थी. ऐसी खतरनाक बाढ़ कभी नहीं आई. भयंकर आफत थी. ऐसा मौका हमें देखने को मिला था कि आपकी टीम, शासन-प्रशासन ने हमारी इतनी मदद की. हम मरते दम तक नहीं भूलेंगे. वहां से निकालने की, खाने-पीने की. बसों से छात्रावास तक लाने की, ऐसा मैनेजमेंट मैंने अपनी जिंदगी में नहीं देखा.

सीएम : ये आपको सिखाया पढ़ाया तो नहीं है जो आप बोल रहे हो?

मलकीत सिंह: नहीं साहब, बिल्कुल नहीं.

सीएम : आपको पढ़ा-खिलाकर बैठाया हो कि जरा बोलना ऐसे, यही, बोलना है। ईश्वर साक्षी है, आपको भगवान की कसम है, सच-सच बोलना.

मलकीत सिंह : नहीं, बिल्कुल सही बोलेंगे. पार्वती नदी है ना, उसमें भी रात 10 बजे कुछ लोग बह गए थे. ट्यूब डाल-डालकर प्रशासन की टीम ने बाहर निकाला. गाड़ियां भी फंस गई थी, उन्हें नाव से बाहर निकाला गया."

सोर्स- दैनिक भास्कर

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