Raisen News-रायसेन में निजी स्कूल में नर्सरी के बच्चों को धार्मिक शब्दों को पढ़ाने का आरोप लगा है. इसे लेकर शुक्रवार को परिजन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने स्कूल में हंगामा कर दिया. छात्रसंघ और बच्चों के परिजनों ने इसे सनातन संस्कृति के खिलाफ बताया.
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MP News-मध्यप्रदेश के रायसेन के निजी स्कूल में नर्सरी के बच्चों को 'क से काबा', 'म से मस्जिद' और 'औ से औरत हिजाब में थी' जैसे शब्द पढ़ाए जाने का आरोप लगा है. इसे लेकर जमकर हंगामा मच गया. शुक्रवार को बच्चों के परिजन और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने स्कूल पहुंचकर हंगामा कर दिया. बच्चों के परिजनों और कार्यकर्ताओं ने इसे सनातन संस्कृति के खिलाफ बताया. वहीं स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि ‘म से मस्जिद के साथ म से मंदिर भी पढ़ाया जा सकता है'. यह सुनकर कार्यकर्ता और भड़क उठे.
एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को फोन पर शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और कार्यकर्ताओं को शिकायत करने की सलाह दी.
किताबें देखने पर हुआ खुलासा
यह पूरा मामला तब सामने आया जब स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा के चाचा ने उसकी किताबें देखी. छात्रा के चाचा ने 'औ से औरत हिजाब में थी' को पढ़ा, इसके बाद अन्य शब्दों पर ध्यान दिया. इसमें ‘क से कबूतर’ की जगह ‘क से काबा’, ‘म से मछली’ की जगह ‘म से मस्जिद’ और ‘न से नल’ की जगह ‘न से नमाज’ लिखा हुआ था. यह सब देखने के बाद परिजनों ने आपत्ति जताई और एबीवीपी को इसकी जानकारी दी.
एबीवीपी ने बताया षड्यंत्र
शुक्रवार को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक अश्विनी पटेल ने आरोप लगाया कि यह हिंदू संस्कृति और सनातन परंपरा के खिलाफ षड्यंत्र है. उन्होंने कहा कि इस तरह की सामग्री पढ़ाकर छोटे बच्चों को भ्रमित किया जा रहा है. हमने तो बचपन में 'क से कबूतर' और 'म से मछली' पढ़ा था.
भोपाल से मंगवाया था किताबों का सेट
इस पूरे मामले को लेकर स्कूल के प्राचार्य ईए कुरैशी ने कहा कि उन्होंने किताब की सामग्री पहले नहीं जांची थी. यह पट्टा पहाड़ा भोपाल से मंगवाया गया था. इसका इस्तेमाल केवल एक ही छात्र के लिए किया गया था. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था.
मान्यता रद्द करने पत्र लिखेंगे
इस मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी डीडी रजक का कहना है कि इस टाइप का पट्टी पहाड़ा है तो उसे जब्त कर जांच कराई जाएगी. स्कूल मान्यता को रद्द करने के लिए जेडी को पत्र लिखेंगे.
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