Vikram University: मध्य प्रदेश की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी में शामिल विक्रम विश्वविद्यालय का अब नाम बदलने जा रहा है. उज्जैन में स्थित इस विश्वविद्यालय को अब नए नाम से पुकारा जाएगा.
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MP News: उज्जैन में स्थित प्रसिद्ध 'विक्रम विश्वविद्यालय' का नाम बदलने का फैसला एमपी सरकार की तरफ से किया गया है. अब इस विश्वविद्यालय को 'सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय' के नाम से जाना जाएगा. सीएम मोहन यादव ने यूनिवर्सिटी के 29वें दीक्षांत समारोह के दौरान इसका ऐलान किया था, जिसकी प्रोसेस शुरू हो गई है. तब सीएम मोहन ने कहा था कि यह यह विश्वविद्यालय विक्रमादित्य के नाम पर ही होगा, लेकिन इसे नई पहचान भी मिलेगी. यह यूनिवर्सिटी मध्य प्रदेश की सबसे पुरानी और प्राचीन यूनिवर्सिटियों में शामिल रही है. यहां का इतिहास भी पुराना माना जाता है. जबकि यह विश्वविद्यालय एमपी के साथ-साथ उज्जैन की भी बड़ी पहचान माना जाता है.
एमपी विधानसभा में पारित होगा विधेयक
बताया जा रहा है कि उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है. वहीं 28 जुलाई से शुरू हो रहे मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में 'सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय' का नाम किए जाने का प्रस्ताव भी सरकार की तरफ से विधानसभा में पेश किया जाएगा. इसके अलावा राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय संशोधन भी प्रस्तुत किया जाएगा. इस कार्यपरिषद की तरफ से बताया गया कि उज्जैन पर शासन करने वाले सम्राट विक्रमादित्य विक्रम संवत के प्रवर्तक थे, इसलिए ही इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी. इसलिए जिस तरह से मध्य प्रदेश में स्थित दूसरे बड़े विश्वविद्यालयों का नाम महापुरुषों को नाम पर है. उसी तरह से उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय को अब सम्राट विक्रमादित्य के नाम से ही जाना जाएगा.
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1957 में हुआ था स्थापित
बता दें कि उज्जैन में 1957 विक्रम विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी, यह मध्य प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में शामिल हैं, जहां कई अहम विषयों पर भी पढ़ाई होती है. बता दें कि मध्य प्रदेश में सागर में स्थित डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय और उज्जैन का विक्रम विश्वविद्यालय ही मध्य प्रदेश का सबसे पुराना शैक्षणिक संस्थान है. सीएम मोहन यादव ने उज्जैन में 29वें दीक्षांत समारोह के दौरान यह ऐलान किया था.
मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में भी इसकी प्रक्रिया पूरी हो गई है, इसलिए अब यह प्रस्ताव विधानसभा में आएगा और उसके बाद नाम बदला जाएगा. वहीं नाम बदलने के बाद पोर्टल से लेकर अन्य सभी जगहों पर नए नाम का प्रयोग शुरू हो जाएगा. (सोर्स लल्लूराम)
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