गुजरात के खावड़ा में बन रहे अक्षय ऊर्जा संयंत्र को लेकर लोकसभा में विपक्ष ने सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर वॉकआउट किया. कांग्रेस सांसद ने परियोजना की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रोटोकॉल में छूट पर सवाल उठाए.
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गुजरात के खावड़ा में बनाए जा रहे अक्षय ऊर्जा संयंत्र को लेकर लोकसभा में जोरदार बहस देखने मिली. मामला इतना बढ़ गया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से वॉकआउट कर दिया. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने प्रश्नकाल के दौरान सरकार से पूछा कि क्या इस परियोजना के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा प्रोटोकॉल में कोई छूट दी गई है उन्होंने कहा कि खावड़ा में जो अक्षय ऊर्जा संयंत्र बनाया जा रहा है, वह भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से सिर्फ 1 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है.
उन्होंने सरकार से यह साफ करने को कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए सुरक्षा मानकों में कोई ढील दी गई है या नहीं और साथ ही यह भी पूछा कि इस मिश्रित नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना के लिए सरकार ने कितनी रियायतें दी हैं. इस पर केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जवाब दिया कि सरकार जब भी किसी परियोजना को मंजूरी देती है तो केंद्र, राज्य और अन्य संबंधित एजेंसियों से सभी आवश्यक लाइसेंस और मंजूरी हासिल करती.
Live : My reply in Lok Sabha on questions related to @mnreindia https://t.co/NXIGah3OOY
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) March 12, 2025
हालांकि विपक्ष इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और कई सांसदों ने कहा कि सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया गया. इसके बाद कांग्रेस, द्रमुक और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) समेत कई विपक्षी दलों के सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया. बाद में मनीष तिवारी ने संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है.
तिवारी ने कहा कि खावड़ा परियोजना भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के एक किलोमीटर के दायरे में बनाई जा रही है, जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा नियमों के मुताबिक किसी भी परियोजना को सीमा से 10 किलोमीटर के अंदर नहीं बनाया जा सकता. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इस मुद्दे पर साफ जवाब नहीं दिया, इसलिए विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया.
(इनपुट-भाषा)