Al Udeid Air Base: ईरान ने पिछले दिनों कतर में मौजूद अमेरिकी एयरबेस पर हमला किया था अब उसका हरजाना कतर को भुगतना पड़ रहा है.
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Al Udeid Air Base: पिछले दिनों ईरान और इजरायल के बीच हुई जंग की आग कतर तक पहुंच गई थी. पहले तो ईरान और इजरायल एक दूसरे पर हमले कर रहे थे लेकिन अचानक अमेरिका ने भी इस जंग में एंट्री मार ली. अमेरिका ने भी ईरान में कई जगहों पर हमले किए. इसके बाद ईरान ने भी कतर में मौजूद अमेरिका के बेस पर हमला कर दिया. अब कतर एक बड़ा कदम उठाते हुए उन लोगों को मुआवजा देने की बात कही है जिनको इस हमले में नुकसान पहुंचा है.
कतर सरकार ने उन सभी नागरिकों और प्रवासियों के लिए एक मुआवजा योजना का आगाज किया है, जिनकी जायदाद को ईरान की मिसाइलों से हमला पहुंचा है. यह कदम कतर के अमीर यानी राजा शेख तमीम बिन हमद अल थानी के निर्देश पर यह कदम उठाया गया. कतरी गृह मंत्रालय ने ऐलान किया कि जिन लोगों की जायदाद को नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा मिलेगा. हालांकि यह मुआवजा सिर्फ उन लोगों को मिलेगा जिन्होंने नुकसान की रिपोर्ट दर्ज कराई होगी. इसके अलावा सरकार ने ईरान के हमले वाले दिन के सभी ट्रैफिक चालानों को भी माफ कर दिया है ताकि लोगों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े.
ईरान ने कतर में मौजूद अमेरिका के अल उदैद एयरबेस को निशाना बनाते हुए मिसाइलें दांगी थीं. अमेरिका ने ईरान के कई परमाणु ठिकानों पर हमले किए थे, जिसका जवाब ईरान ने मिसाइलों से दिया. अमेरिकी ट्रंप ने पुष्टि की थी कि ईरान ने 14 मिसाइलें दागीं. इनमें से 13 को हवा में ही रोक लिया गया और एक मिसाइल को जानबूझकर गिरने दिया गया ताकि तनाव और न बढ़े. ईरान के इस हमले में किसी भी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ था लेकिन मिसाइलों को रोकने के बाद जो टुकड़े (शरपनेल) गिरे, उससे कतर में कई जगहों पर नुकसान हुआ. घरों, गाड़ियों, फैक्ट्रियों और दुकानों को हल्का-फुल्का नुकसान पहुंचा था.
सवाल: 12 Day War क्या है?
ईरान और इजराइल के बीच 12 दिनों की जंग (13 जून से 24 जून, 2025 तक) हुई थी. दोनों देशों में संघर्ष विराम के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने '12 Day War' नाम दिया था.
सवाल- कतर का अमीर (राजा) कौन है?
जवाब- कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी हैं.
सवाल- अमेरिका और इजरायल ने ईरान पर हमला क्यों किया था?
जवाब- अमेरिका और इरायल चाहते हैं कि ईरान किसी भी तरह परमाणु हथियार ना बना ले, यही कारण है कि 13 जून को इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया था. इस हमले में उसके कई परमाणु वैज्ञानिकों की भी मौत हो गई थी.