RCB Victory Parade Stampede: रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की जीत के जश्न के लिए चिन्नास्वामी स्टेडियम में एंट्री फ्री होगी, इस घोषणा की वजह से ज्यादा भीड़ जुटी और संकरे गेट के कारण बुधवार को बेंगलुरु में त्रासदी हुई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए.
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Reason behind RCB Victory Parade Stampede: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की आईपीएल जीत के जश्न के दौरान स्टेडियम के बाहर भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. अधिकारियों का दावा है कि कार्यक्रम स्थल पर लगभग दो से तीन लाख लोगों की अप्रत्याशित भीड़ जमा हो गई, जो स्टेडियम की 35,000 लोगों की बैठने की क्षमता से कहीं ज्यादा थी. लेकिन, आखिर इस त्रासदी के पीछे की असली वजह क्या थी और क्यों आरसीबी की जीत का जश्न गम में बदल गया?
त्रासदी के पीछे के कारणों का हो गया खुलासा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जश्न के दौरान बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई दुखद भगदड़ के लिए अत्यधिक भीड़ को जिम्मेदार ठहराया है. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की जीत के जश्न के लिए चिन्नास्वामी स्टेडियम में एंट्री फ्री होगी, इस घोषणा की वजह से ज्यादा भीड़ जुटी और संकरे गेट के कारण बुधवार को बेंगलुरु में त्रासदी हुई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी से पता चलता है कि कार्यक्रम के लिए स्टेडियम के अंदर जाने के लिए हजारों लोग एकत्र हुए थे.
18 साल बाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की पहली आईपीएल जीत फैंस के लिए बड़ा भावनात्मक पल है और लोग स्टेडियम में टीम के अभिनंदन समारोह में शामिल होने के लिए बेताब थे. शुरू में कार्यक्रम के लिए पास जारी किए गए थे. लेकिन, कुछ ही लोग पास पाने में कामयाब रहे और जब यह घोषणा की गई कि सभी को अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी तो गेट खुलते ही भारी भीड़ उमड़ पड़ी.
रिपोर्ट के अनुसार, हजारों लोगों ने अंदर घुसने की कोशिश की और सभी दिशाओं से लोगों को संकरे प्रवेश द्वार से बाहर निकाला जा रहा था. तभी भगदड़ शुरू हो गई. शुरू में लोग दब गए और चोटिल हो गए. फिर जब और लोग अंदर घुसने की कोशिश करने लगे तो बैरिकेड गिर गए. इसके बगल में खड़े लोग इसके नीचे फंस गए और भीड़ के बीच घुसने की होड़ में वे कुचल गए.
RCB के जश्न में भगदड़ की 7 बड़ी वजहें
1. स्टेडियम में क्षमता से ज्यादा दो से तीन लाख के करीब भीड़ पहुंची. चिन्नास्वामी स्टेडियम की क्षमता 35 हजार दर्शकों की है.
2. स्टेडियम में घुसने के लिए भीड़ दीवार के किनारे बने नाले के स्लैब में चढ़ी थी, वहां बहुत सारे लोग अपनी टीम की एक झलक पाने के लिए पेड़ों के ऊपर भी चढ़े हुए थे.
3. चिन्नास्वामी स्टेडियम में लोगों को प्रवेश देने के लिए सारे गेट नहीं खोले गए. स्टेडियम का गेट भी काफी छोटा था.
4. चिन्नास्वामी स्टेडियम के भीतर जाने के लिए फ्री एंट्री की घोषणा की गई. लिहाजा मुफ्त में अपनी टीम को देखने के लिए भी लाखों प्रशंसक पहुंच गए.
5. पुलिस ने स्टेडियम की ओर जाने वाली सड़कों पर तो इंतजाम किए थे, लेकिन भारी संख्या में लोग मेट्रो से वहां पहुंचे, जिसे समय रहते पुलिस भांप नहीं पाई.
6. आरसीबी विक्ट्री परेड को लेकर आखिरी तक असमंजस बना रहा. विजय जुलूस निकलेगा या नहीं, इसको लेकर स्थिति साफ नहीं होने से लोगों में ये आस बनी रही कि वो अपने स्टार खिलाड़ी जैसे विराट कोहली को नजदीक से देख सकते हैं.
7. दर्शकों का आरोप है कि भीड़ को संभालने के लिए पुलिसकर्मी काफी कम थे, ज्यादातर पुलिस वाले वीआईपी मेहमानों की आवभगत में लगे थे. हालांकि, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार का दावा है कि 5,000 से अधिक कर्मियों की व्यवस्था की गई थी. उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर भगदड़ के लिए माफी मांगी है और कहा है कि उन्होंने कार्यक्रम को छोटा रखने सहित सभी प्रयास किए थे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमने 5,000 से अधिक कर्मियों की व्यवस्था की थी.
#WATCH | A car was damaged after fans climbed over it outside the M Chinnaswamy Stadium in Bengaluru
A large number of #RoyalChallengersBengaluru fans have turned up here to catch a glimpse of their champion team.
A special felicitation ceremony for all RCB players has been… pic.twitter.com/WuNrbo5Bzh
— ANI (@ANI) June 4, 2025
खौफनाक है घटना का वीडियो
आरसीबी की जीत के जश्न में भगदड़ के बाद कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें घटना का खौफनाक मंजर नजर आ रहा है. कई वीडियोज में पुलिस को घायल और बेहोश लोगों को पास के अस्पताल में ले जाते हुए देखा जा सकता है. मृतकों और घायलों के अलावा समारोह देखने आए कई लोग बेहोश हो गए. भगदड़ के बाद हर तरफ अफरा-तफरा का माहौल बन गया था और लोग हर तरफ बस अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे.