शहीद लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी की अंतिम विदाई में उमड़ा गांव का गांव, एकलौते बेटे को नेवी अफसर पिता ने दी मुखाग्नि
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शहीद लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी की अंतिम विदाई में उमड़ा गांव का गांव, एकलौते बेटे को नेवी अफसर पिता ने दी मुखाग्नि

Ayodhya News: लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी पूर्वोत्तर सीमा पर सिक्किम में ड्यूटी पर थे तभी उनके दो साथी जवान बर्फीली नदी में फिसल कर गिर गए. अपने साथी जवानों को बचाने के लिए शशांक तिवारी ने भी बर्फीली नदी में छलांग लगा दी थी. 

Martyr Lieutenant Shashank Tiwari
Martyr Lieutenant Shashank Tiwari

Ayodhya News: शहीद लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी शनिवार को पंच तत्व में विलीन हो गए. उनका अंतिम संस्कार सरयू के जमथरा घाट पर किया गया. मुखाग्नि शहीद के पिता जंग बहादुर तिवारी ने दी. इस दौरान सेना के अफसरों ने शहीद के पिता को ढांढस बंधाया. इससे पहले शहीद के आवास से हजारों की संख्या में स्थानीय लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए. सेना के अधिकारियों ने जमथरा घाट पर श्रद्धांजलि देते हुए सलामी दी. 

सरयू के जमथरा घाट पर दी गई अंतिम विदाई
दरअसल, लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी पूर्वोत्तर सीमा पर सिक्किम में ड्यूटी पर थे तभी उनके दो साथी जवान बर्फीली नदी में फिसल कर गिर गए. अपने साथी जवानों को बचाने के लिए शशांक तिवारी ने भी बर्फीली नदी में छलांग लगा दी. शशांक तिवारी ने अपने दोनों साथी को तो बचा लिया, लेकिन खुद को नहीं बचा पाए. उनके सिर में चोट लगने की वजह से वह नदी में तैर नहीं पाए और लगभग नदी में 800 फीट नीचे चले गए जहां से जवानों ने उनके शव को रिकवर किया. 

सीएम योगी ने स्‍मारक बनाने का किया है ऐलान  
शुक्रवार शाम को उनका शव अयोध्‍या पहुंचा. शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ शहीद लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी को सरयू के जमथरा घाट पर अंतिम विदाई दी गई. सीएम योगी भी शुक्रवार को अयोध्‍या दौरे के दौरान हनुमानगढ़ी में पूजा-अर्चना के बाद लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी के साहस और बलिदान की सराहना की थी. उन्‍होंने अयोध्‍या में उनके सम्‍मान में एक स्‍मारक बनाने का भी ऐलान किया है. 

लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी के बारे में... 
23 वर्षीय शशांक तिवारी अयोध्या छावनी के गद्दोपुर गांव के रहने वाले थे. वह अपने परिवार में इकलौते बेटे थे. शशांक के पिता जंग बहादुर तिवारी भी मर्चेंट नेवी में कार्यरत हैं. शशांक ने एनडीए परीक्षा 2019 में पास की थी. पिछले साल ही सेना में कमीशन पाया था. एनडीए में चयन से पहले शशांक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा फैजाबाद के एक स्थानीय स्कूल में पूरी की थी. 

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