Kushinagar News: कुशीनगर जिले से एक अजब गजब मामला सामने आया है. जहां चार साल पहले मरे एक आरोपी को कोर्ट ने मंगलवार को गुंडा घोषित कर दिया. साथ ही पुलिस रिपोर्ट पर उसे जिला बदर करने का भी आदेश दिया.
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कुशीनगर/प्रमोद कुमार: यूपी के कुशीनगर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां कुशीनगर पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हुए हैं. एक शख्स जिसकी मौत चार साल पहले ही हो चुकी है. उसको एडीएम न्यायिक ने मंगलवार को गुंडा घोषित कर दिया. यही नहीं उसे छह महीने के लिए जिला बदर का आदेश जारी कर दिया गया.
सड़क हादसे में हो चुकी मौत, घोषित हुआ गुंडा
दरअसल पूरा मामला कुशीनगर जिले के खड्डा कस्बे का है. यहां के रहने वाले हर्षित सिंह की मौत चार साल पहले हो चुकी है. साल 2021 में बनारस के लहरतारा पुल पर बाइक दुर्घटना में युवक की जान चली गई थी. लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि मंगलवार को इसी मृतक युवक को एडीएम न्यायिक ने गुंडा घोषित कर दिया और छह महीने के लिए जिला बदर का आदेश जारी कर दिया.
सिस्टम पर खड़े हुए सवाल
एडीएम न्यायिक प्रेम कुमार राय ने गुंडा नियंत्रण अधिनियम की धारा 3/4 के तहत हर्षित समेत चार लोगों को जनपद से बाहर देवरिया के लिए छह माह का जिला बदर करने का आदेश दे दिया. बाकी तीन नामजद मुन्ना, वाहिद रजा और राजा शेख वारंट के बावजूद अदालत में पेश नहीं हुए, जिसके बाद कार्रवाई हुई. लेकिन मृत हर्षित का नाम सूची में होना, पूरे सिस्टम की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है.
चर्चा का विषय बना मामला
चार साल पहले मर चुके युवक पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई को लेकर सवाल ये है, क्या प्रशासन के पास आरोपियों के जीवित होने की भी पड़ताल नहीं होती? पुलिस की रिपोर्ट पर आधारित ये कार्रवाई सोशल मीडिया पर चर्चा विषय बन गई है. पुलिस-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर फिर से प्रश्नचिन्ह खड़े हो गए हैं.