Deoria News: देवरिया जनपद में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कॉलेज एक बार फिर अव्यवस्थाओं को लेकर सुर्खियों में है. समाज कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित इस आवासीय विद्यालय में भोजन की खराब गुणवत्ता को लेकर छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा.
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Deoria News/त्रिपुरेश त्रिपाठी: उत्तर प्रदेश के देवरिया से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कॉलेज में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब छात्रावास में रहने वाले दर्जनों छात्र खाने में कीड़ा मिलने से भड़क उठे. रविवार को दोपहर भोजन में फिर कीड़ा निकलने पर आक्रोशित छात्रों ने कॉलेज परिसर में धरना शुरू कर दिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आइए जानते हैं इसको लकेर डीएम ने क्या कहा?
कहां का है ये मामला?
दरअसल ये मामला बरियारपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत मेहरौना स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कॉलेज की है. जहां पर बीती शाम छात्रावास में रहने वाले दर्जनों छात्रों ने कॉलेज परिसर में धरना प्रदर्शन किया. छात्रों का आरोप है कि उन्हें रोजाना परोसे जाने वाले भोजन में कीड़े, मरी हुई छिपकलियां और गंदगी मिलती है.
छात्रों ने बताया कि यह पहली बार नहीं हुआ है. अगस्त 2024 में भी बासी छोले परोसे जाने से 90 बच्चे बीमार हो गए थे, एक की मौत भी हो गई थी. लेकिन तब भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. छात्रों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं.
डीएम ने संभाला मोर्चा
धरने की सूचना पर देवरिया की एसडीएम श्रुति शर्मा मौके पर पहुंचीं. उन्होंने छात्रों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं और तुरंत ही आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस दौरान कहा कि भोजन की गुणवत्ता की सात दिन तक सतत निगरानी की जाएगी. मैं स्वयं प्रतिदिन विद्यालय आकर भोजन की जांच करूंगी. छात्रों के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं होगा.
देवरिया समेत आस-पास के आते बच्चे
एसडीएम ने मौके पर मौजूद विद्यालय स्टाफ और प्रधानाचार्य से जवाब-तलबी की और लापरवाही पर सख्त नाराजगी जताई. उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाएगी. गौरतलब है कि यह विद्यालय आश्रम पद्धति पर आधारित है, जहां कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई होती है. देवरिया सहित आस-पास के जिलों से आए छात्र यहां रहकर अध्ययन करते हैं. छात्रों का कहना है कि न तो समय से भोजन मिलता है और न ही साफ-सफाई का ध्यान रखा जाता है.
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