Meerut News: मेरठ जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जो मेडिकल साइंस के लिए किसी रहस्य और चुनौती से कम नहीं है. एक महिला के शरीर में ऐसा चमत्कार हुआ है जिसे अब तक सिर्फ मेडिकल जर्नल्स तक सीमित माना जाता था.
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मेरठ/पारस गोयल: यूपी के मेरठ जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जो मेडिकल साइंस के लिए किसी रहस्य और चुनौती से कम नहीं है. एक महिला के शरीर में ऐसा चमत्कार हुआ है जिसे अब तक सिर्फ मेडिकल जर्नल्स तक सीमित माना जाता था. भ्रूण न गर्भाशय में था, न पेट में बल्कि सीधा लिवर के अंदर पल रहा था.
रिपोर्ट देख डॉक्टर भी रह गए हैरान
मेरठ के एक निजी अस्पताल में MRI जांच के दौरान डॉक्टर्स उस वक्त हैरान रह गए जब उन्हें एक 12 हफ्ते का भ्रूण महिला के लिवर के अंदर दिखाई दिया. ये कोई आम प्रेगनेंसी नहीं थी, बल्कि एक ''इंट्राहैप्टिक एक्टोपिक प्रेगनेंसी'' – यानी ऐसा गर्भ, जो गर्भाशय में न होकर लिवर के भीतर पल रहा था. यह केस मेडिकल हिस्ट्री में भारत का पहला और दुनिया का 40वां केस है.
सामने आई सच्चाई
यह स्थिति बेहद खतरनाक होती है क्योंकि लिवर से अत्यधिक रक्तस्राव का खतरा होता है. भ्रूण को निकालना एक बड़ी चुनौती है. बुलंदशहर की रहने वाली महिला दर्द और उल्टी हो रही थी, दवाइयों से भी आराम नहीं लगा, जब जांच कराई और फिर सच्चाई सामने आई. इस महिला को अब इमरजेंसी सर्जरी के ज़रिए इलाज दिया जाएगा. डॉक्टरों का कहना है कि भ्रूण को लिवर से अलग करना बेहद जटिल प्रक्रिया होगी.
क्यों खास है ये केस
यह केस मेडिकल एजुकेशन और रिसर्च के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है. महिलाओं में एक्टोपिक प्रेगनेंसी आम होती है, लेकिन लिवर में भ्रूण विकसित होना अत्यंत दुर्लभ है. मेडिकल रिसर्च के अनुसार, दुनिया भर में अब तक सिर्फ 39 केस ही रिपोर्ट हुए हैं, और भारत में यह पहला मामला है. मेरठ का यह मामला अब इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल्स की सुर्खियां बन सकता है. एक तरफ ये मेडिकल चमत्कार है तो दूसरी तरफ महिला की जान के लिए एक खतरा भी. सवाल ये है कि मेडिकल साइंस इस जटिल चुनौती से कैसे निपटेगा?