Ayodhya Latest News: युवाओं को सिर्फ पढ़ाना नहीं, उन्हें कर्मयोगी बनाना है... इसी मंत्र के साथ डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में ‘विकास 2025’ कॉन्फ्रेंस का समापन समारोह आयोजित हुआ.
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Ayodhya Hindi News: डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में 4 जुलाई को ‘विकास 2025’ कॉन्फ्रेंस के समापन सत्र का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने ऑनलाइन संबोधन देते हुए कहा कि विकास 2025 केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक दृष्टिकोण का परिवर्तन है, जो विकसित भारत की नींव तैयार कर रहा है.
उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जो युवाओं को केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि व्यावसायिक दक्षता और उद्यमिता के लिए तैयार करे. नई शिक्षा नीति का उद्देश्य युवाओं को थ्योरी के साथ-साथ इंडस्ट्री के लिए भी सक्षम बनाना है. उन्होंने यह भी कहा कि "युवाओं को कर्मयोगी बनकर राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनना होगा.
कृषि मंत्री ने बताया कि आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय किसानों को उद्यमी बनाने की दिशा में सराहनीय कार्य कर रहा है और यह विश्वविद्यालय कौशल आधारित शिक्षा के क्षेत्र में देश का अग्रणी संस्थान बन गया है. उच्च शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश संकल्प से सिद्धि की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति दूरदृष्टि के साथ बनाई गई है, जिससे युवा शिक्षा के साथ-साथ उद्यमिता की ओर भी अग्रसर होंगे.
यूजीसी सचिव डॉ. मनीष जोशी ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि शिक्षा के साथ उसका सही निर्माण भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर प्रगति हो रही है और भारत खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनता जा रहा है.
यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एम. जगदेश ने सत्रों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में इंडस्ट्री और शिक्षा के बीच सामंजस्य पर विशेष बल दिया गया है. उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि शिक्षा और रोजगार के बीच बढ़ते अंतर को कम करना समय की आवश्यकता है. इस कॉन्फ्रेंस में इस विषय पर विस्तार से चर्चा हुई कि कैसे शिक्षा को बहुउपयोगी बनाया जाए.
तकनीकी सत्रों में शिक्षा से जुड़ी चुनौतियों पर विचार-विमर्श हुआ और इस बात पर बल दिया गया कि इंडस्ट्री और एजुकेशन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जाए. उन्होंने सुझाव दिया कि यूजीसी द्वारा किए गए परिवर्तनों की जानकारी सभी को समय-समय पर वेबसाइट से लेनी चाहिए.
यूजीसी के संयुक्त सचिव डॉ. अभिषेक कपूर ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि भारत को ज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व दिलाना ही हमारा लक्ष्य है. उन्होंने युवाओं को मार्गदर्शन देने, शोध को बढ़ावा देने और गुणवत्ता को प्राथमिकता देने की आवश्यकता बताई. उन्होंने कहा कि "जिस दिशा में युवा बढ़ते हैं, उसी दिशा में देश की धारा बहती है, इसलिए युवाओं को सक्षम बनाना आवश्यक है."
कार्यक्रम का संचालन प्रो. नीलम पाठक ने किया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति ने पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया. समारोह में अवर सचिव वीना मेनन, डॉ. राधिका, कुलसचिव विनय कुमार सिंह, वित्त अधिकारी पूर्णेन्द्र शुक्ला, कॉन्फ्रेंस संयोजक प्रो. एस. एस. मिश्र सहित प्रो. यशवंत सिंह, प्रो. अनूप कुमार, प्रो. सिद्धार्थ शुक्ला, प्रो. हिमांशु शेखर, प्रो. आशुतोष सिंह, प्रो. विनोद श्रीवास्तव, प्रो. शैलेन्द्र कुमार वर्मा, प्रो. संजय पाठक सहित बड़ी संख्या में शिक्षकगण उपस्थित रहे.