kanpur Dehat News: कानपुर देहात जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां बीते शनिवार को एक मरीज ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. यही नहीं मौत के बाद भी उसका शव करीब 11 घंटे तक वार्ड के बेड पर पड़ा रहा.
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कानपुर देहात/आलोक त्रिपाठी: यूपी के कानपुर देहात जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां बीते शनिवार को एक मरीज ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. यही नहीं मौत के बाद भी उसका शव करीब 11 घंटे तक वार्ड के बेड पर पड़ा रहा. जब उसका शव बदबू मारने लगा तो वहां मौजूद मरीज और तीमारदार वार्ड छोड़कर बाहर चले गए.
अकबरपुर मेडिकल कॉलेज का मामला
मामला अकबरपुर में बने मेडिकल कॉलेज का है. जहां बीते शनिवार को करीब दोपहर 1 बजे के आसपास एक 25 साल के युवक को लोग बेहोशी की हालत में छोड़ गए. जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे युवक की पहचान अधूरी थी. डॉक्टरों ने जब तक इलाज शुरू किया तब तक देर हो चुकी थी. रात 11 बजे उसकी मौत हो गई. इसके बाद लापरवाही और मानवता को शर्मसार करने वाली घटना हुई.
बदबू ऐसी कि सांस लेना मुश्किल
रविवार सुबह करीब 9 बजे जाकर ड्यूटी पर मौजूद नर्सिंग अधिकारी ने आउटसोर्सिंग स्टाफ को बुलाकर शव को मोर्चरी भेजा और वार्ड की सफाई कराई. इस बीच, वार्ड में बदबू ऐसी फैली कि जिन मरीजों को यहां उम्मीद की सांस लेनी थी, वे घुटन से बचने के लिए बाहर निकल गए.
मामला अधिकारियों तक पहुंचा तो जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई. वहीं प्राचार्य ने जांच के बाद एक्शन की बात कही.वहीं स्वास्थ्यकर्मियों के “सुविधा न मिलने” के बहाने सामने आए. यह तर्क बता देता है कि हम किस हालात में अपने नागरिकों का इलाज कर रहे हैं. यह सिर्फ एक मरीज की कहानी नहीं है, यह उस व्यवस्था का आइना है. जहां जीवन की कीमत कागज़ पर दर्ज नोटिंग से भी कम है.
यह सिर्फ एक मरीज की कहानी नहीं है, यह उस व्यवस्था का आइना है. जहां जीवन की कीमत कागज़ पर दर्ज नोटिंग से भी कम है. जहां मौत के बाद भी सम्मान नहीं मिलता, और लापरवाही इतनी आम हो जाती है कि किसी के चेहरे पर शिकन तक नहीं आती. सरकारी अस्पतालों में संवेदना, जिम्मेदारी और समय पर कार्रवाई का जो दिवालियापन दिखा.