Barabanki News: सपा मुख्यालय के बाहर लगे एक पोस्टर को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. इस पोस्टर में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और सपा मुखिया अखिलेश यादव के आधे-आधे चेहरे को मिलाकर एक तस्वीर बनाई गई थी. इस पर सपा प्रमुख की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं.
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नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने समाजवादी लोहिया वाहिनी के पोस्टर में बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ का मामला उठाया है. पोस्टर में अंबेडकर की तस्वीर को आधा करके उस पर अखिलेश यादव की फोटो लगाई गई थी.
इस मामले में आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए लखनऊ पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा है. पुलिस को अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं.
क्या बोले आयोग अध्यक्ष?
बैजनाथ रावत ने कहा कि यह कृत्य बाबा साहेब का घोर अपमान है. उन्होंने समाजवादी पार्टी पर दलित समाज की आस्था से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया. आयोग ने पुलिस को 5 मई को सुबह 11:30 बजे तक अधिकारी के माध्यम से रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है. रावत ने सपा से इस कृत्य के लिए माफी मांगने की मांग की है.
बाबा साहेब की फोटो से जुड़ा है विवाद
दरअसल समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बाबा साहेब अंबेडकर के साथ अखिलेश यादव का पोस्टर लगाया था. पोस्टर में अखिलेश और अंबेडकर की आधी-आधी तस्वीर दिखाई दे रही है. सपा कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए इस पोस्टर पर सियासत भी तेज हो गई है. भाजपा के नेताओं ने इस कृत्य की तीखी आलोचना करते हुए इसे बाबा साहेब और उनके अनुयायियों का अपमान करार दिया है. बसपा प्रमुख ने भी इसको लेकर सपा प्रमुख पर निशाना साधा.
डिप्टी सीएम ने साधा निशाना
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, "यह सपा की दूषित मानसिकता का प्रतीक है।" उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इसे सपा की दूषित मानसिकता बताते हुए कहा कि बाबा साहेब का इस प्रकार अपमान देश की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी. उन्होंने याद दिलाया कि सपा सरकार में पहले भी अंबेडकर से जुड़ी संस्थाओं और जिलों के नाम बदले गए थे. उन्होंने इस कृत्य के लिए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की.
पोस्टर विवाद पर अखिलेश ने साफ किया रुख
अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मैंने अपने कायकर्ता लालचंद गौतम को समझाया है कि दोबारा ऐसा कुछ नहीं करना या सोशल मीडिया पर ऐसा कुछ भी साझा नहीं करना जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे. सपा प्रमुख ने सवाल किया कि क्या भाजपा अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं पर भी ऐसा ही नियंत्रण रख सकती है. कहा, ''हमने अपने कार्यकर्ताओं को पहले ही निर्देशित कर दिया है, लेकिन क्या भाजपा भी ऐसा कर सकती है? क्या वह यह सुनिश्चित कर सकती है कि उसके नेता बाबा साहब अंबेडकर या किसी अन्य महान व्यक्तित्व के प्रति असम्मानजनक व्यवहार न करें?''