KGBV in UP: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इस मिथक को तोड़ने में जी जान से जुट गई है कि देश के उच्च वैज्ञानिक संस्थानों में सेवा के मामले में लड़कियों का अनुपात कम है. उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है.
Trending Photos
Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya in UP: लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सरकारी बालिका विद्यालयों में भी अब साइंस के होनहार तैयार होंगे. सरकार ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (KGBV) में एस्ट्रोनॉमी लैब बनाने का फैसला किया है. इस तरह पूरे प्रदेश के 746 विद्यालयों में एस्ट्रोनॉमी लैब की स्थापना होगा.हर साल के लिए चार लाख रुपये के बजट के हिसाब से करीब 30 करोड़ रुपये का बजट मंजूर कर लिया गया है.
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में लैब
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश सरकार 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) में एस्ट्रोनॉमी लैब की स्थापित करेगी. हर विद्यालय का 4 लाख का बजट है. समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (PAB), शिक्षा मंत्रालय और केंद्र सरकार ने मंजूरी प्रदान की है. पीएम मोदी के विजन को पूरा करने के तहत ये अभियान चलेगा.एस्ट्रोनॉमी लैब से छात्राओं को अंतरिक्ष विज्ञान और खगोलविज्ञान के हर पहलू का सजीव चित्रण देखने को मिलेगा.
चंद्रयान-3 की प्रेरणा
देश के चंद्रयान-3 मिशन में 54 महिला वैज्ञानिकों की सक्रिय भागीदारी रही है. योगी सरकार यूपी की बेटियों को भी वैज्ञानिक संस्थाओं में उच्च भागीदारी देना चाहती है. ताकि इसरो, डीआरडीओ और नासा जैसे संस्थानों में वो अहम भूमिका निभाएं. लैब में सौर मंडल की तर्ज पर ग्रह-उपग्रह और सूर्यग्रहण-चंद्रग्रहण जैसी खगोलीय घटनाओं की बारीकियां समझेंगी. अंतरिक्षयान, मिसाइल, स्पेस ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम, इसरो परियोजनाएं और भारतीय वैज्ञानिकों के मॉडल इन लैब में होंगे. इस लैब में स्पेस के वर्किंग मॉडल तैयार होंगे.
केजीबीवी में 12वीं तक विज्ञान वर्ग का विस्तार
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप कुमार सिंह ने कहा, योगी सरकार प्रदेश के कस्तूरबा विद्यालयों को कक्षा 12 तक अपग्रेड कर रही है. फिलहाल 476 स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई कराई जा रही है. इन स्कूलों को दो श्रेणियों में बांटा गया है. पहले में अकादमिक ब्लॉक के साथ हॉस्टल बन रहा है. इस लॉक में 10वीं-12वीं में केवल साइंस की पढ़ाई कराई जाएगी. इसमें कक्षा 9 से 12 तक की सभी छात्राओं को फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी, कंप्यूटर साइंस, मैथ्स, हिन्दी और अंग्रेजी विषय पढ़ाए जाएंगे. ऐसे विद्यालय उन्हीं क्षेत्रों में होंगे, जहां तीन किमी ऐसा कोई अन्य सरकारी विद्यालय न हो.