Justice Yashwant Varma News: जस्टिस यशवंत वर्मा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति पद की शपथ ली है. वह कैश कांड के आरोपों में घिरे हुए हैं. जानिए कौन हैं जस्टिस वर्मा...
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Justice Yashwant Varma News: कैश कांड के आरोपों में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति बन गए हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरुण भंसाली ने यशवंत वर्मा को चीफ जस्टिस के चैंबर में शपथ दिलाई गई है. जजेज का शपथ ग्रहण खासतौर पर चीफ जस्टिस कोर्ट रूम में होता है, जिसमें हाईकोर्ट के सभी जजेज और सीनियर अधिवक्ताओं को न्योता दिया जाता है. हालांकि, विवादों के चलते जस्टिस यशवंत वर्मा को चीफ जस्टिस के चैंबर में शपथ दिलाई गई है. कैश कांड के आरोपों में घिरने के बाद सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने जस्टिस यशवंत वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट किए जाने की सिफारिश की थी. 28 मार्च को केन्द्र सरकार ने कोलेजियम की सिफारिश को मंजूरी दे दी थी.
एडमिनिस्ट्रेटिव वर्क नहीं कर सकेंगे वर्मा
शपथ लेने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी जस्टिस यशवंत वर्मा का नाम अपलोड कर दिया गया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में सीनियारिटी लिस्ट में वह नौवें नंबर हैं, नौवें नंबर पर होने की वजह से वह एडमिनिस्ट्रेटिव वर्क भी नहीं कर सकेंगे. हालांकि, जस्टिस यशवंत वर्मा इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायिक कामकाज नहीं कर पाएंगे. जांच पूरी होने तक सुप्रीम कोर्ट ने उनके न्यायिक कामकाज पर रोक लगाई है.
वकीलों ने किया था आंदोलन
रिपोर्ट्स की मानें तो हाईकोर्ट के वकीलों ने जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले के विरोध में आंदोलन किया था. हालांकि, उन्होंने अपनी हड़ताल वापस ले ली थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन कार्यकारिणी की बैठक में हड़ताल खत्म कर काम पर वापस लौटने का फैसला लिया गया था. वकीलों की यह हड़ताल जस्टिस यशवंत वर्मा के न्यायिक कार्य करने पर रोक लगने के बाद स्थगित हुई थी. आंदोलन के तहत 26 और 27 अप्रैल को इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन प्रयागराज में नेशनल लेवल की कांफ्रेंस आयोजित करेगा.
जानें कौन है जस्टिस यशवंत वर्मा?
रिपोर्ट्स की मानें तो 6 जनवरी 1969 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में जन्मे जस्टिस यशवंत वर्मा तीस साल से भी ज्यादा लंबे समय से कानूनी पेशे से जुड़े हुए हैं. जस्टिस वर्मा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से बी.कॉम (ऑनर्स) की डिग्री ली. इसके बाद उन्होंने मध्य प्रदेश की रीवा यूनिवर्सिटी से कानून (एलएलबी) की पढ़ाई की और 8 अगस्त 1992 में बतौर वकील करियर की शुरुआत की. इलाहाबाद हाई कोर्ट में वकील रहते हुए उन्होंने संवैधानिक, श्रम और औद्योगिक मामले, कॉर्पोरेट कानूनों, कराधान (टैक्सेशन) और कानून से जुड़े मामलों के मुकदमे लड़े. 2006 से प्रोमोट होने तक जस्टिस यशवंत वर्मा तक इलाहाबाद हाई कोर्ट के विशेष वकील भी रहे.
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