Prayagraj News: संगमनगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर कम होने लगा है. बाढ़ का पानी कम होने के बाद संगम किनारे लेटे हनुमान मंदिर का कपाट भक्तों के लिए खोल दिया गया.
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Prayagraj News: संगमनगरी प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर घटने लगा है. संगम किनारे स्थित विश्व प्रसिद्ध बड़े हनुमान मंदिर का कपाट आज से आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है. गंगा और यमुना में आई बाढ़ का पानी लेटे हनुमान मंदिर परिसर में पहुंचने के चलते पिछले करीब 13 दिनों से श्रद्धालुओं को लेटे हुए बजरंगबली के दर्शन नहीं हो पा रहे थे, लेकिन बाढ़ का पानी जैसे ही बजरंगबली के मंदिर से नीचे उतरा, उसके बाद सोमवार को बाकायदा हनुमान जी का अभिषेक और श्रृंगार किया गया.
लेटे हनुमान जी का कपाट खुला
साथ ही विधिवत् वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन अर्चन करके बजरंगबली के मंदिर का कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया गया है. लेटे हनुमान मंदिर के महंत बलबीर गिरी महराज ने बताया कि सावन के पवित्र मास में मां त्रिवेणी की जलधारा में हनुमान जी 13 दिनों तक रहे. जिस तरह से कुंभ के तीन शाही स्नान होते हैं, उसी तरह मां त्रिवेणी ने हनुमान जी को तीन बार स्नान कराया. महंत बलबीर गिरी महराज ने बताया कि आज 13 दिनों बाद हनुमान जी का कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खुल गया है. आम श्रद्धालु अब हनुमान जी के दर्शन कर सकेंगे.
करछना में बाढ़ ने सबसे ज्यादा मचाई तबाही
बता दें कि पिछले एक महीने से प्रयागराज में बाढ़ जैसे हालात है. प्रयागराज के दर्जनों पॉश इलाकों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया था. जिला प्रशासन प्रयागराज में आई बाढ़ से नुकसान का सर्वे कर रहा है. सभी 8 तहसीलों का सर्वे करने के लिए 56 टीमें लगाई गई हैं. तीन नदियों गंगा-यमुना और टोंस से घिरे करछना में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. यहां फसल के अलावा कच्चे-पक्के मकान भी बह गए. रिपोर्ट में नुकसान का आकलन करने के बाद भरपाई की जाएगी.
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