Bhooto wala Mandir: सावन का पवित्र महीना चल रहा है. ऐसे में आज एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे भूतों ने बनवाया था. यकीन करना मुश्किल है पर ऐसा मंदिर मेरठ में हैं. इस मंदिर को ‘भूतों वाला’ या लाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. जानिए इस मंदिर की हिस्ट्री.
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Bhooto wala Mandir Meerut: भारत में कुछ ऐसे ही मंदिर है जिनसी रहस्यमयी कहानियां सुनकर इंसान सोच में पड़ जाता है. यूपी में ऐसे कई मंदिर मौजूद हैं जिन्हें किसी अजूबा से कम नहीं माना जाता है. क्या कभी आपने सुना है कि भूतों ने किसी मंदिर का निर्माण किया हो. ऐसा एक शिव मंदिर यूपी के मेरठ जिले के दातियाना गांव में एक प्राचीन शिव मंदिर है. जिसे भूतों वाला मंदिर कहा जाता है. इस मंदिर को भूतों ने एक रात में बनाया था. पूरे मंदिर को लोल पत्थरों से बनाया गया है.आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में..
कहां है ये मंदिर
उत्तर प्रेदश के मेरठ जिले में सिम्भावली के दतियाना गांव में एक प्राचीन शिव मंदिर मौजूद है. माना जाता है कि ये मंदिर किसी इंसान या संस्था ने नहीं, बल्कि भूतों ने रातों रात बना डाला था. इस मंदिर को ‘भूतों वाला’ या लाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि ये मंदिर जब बना रहे थे तो सुबह हो गई थी और भूत इसे पूरा नहीं बना पाए थे. मंदिर पूरा होने से पहले ही सूरज निकल आया, जिस वजह से शिखर नहीं बन पाया, बाद में गांव के लोगों ने मिलकर मंदिर का शिखर बनवाया. हालांकि इतिहासकारों ने भूतों की बात को महज अफवाह बताते हैं. उनका मानना है कि इस मंदिर का निर्माण गुप्त काल के दौरान हुआ है. साल 1980 में इस मंदिर के शिखर में कई दरारें पड़ गई, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसे फिर से बनवाया.
लाल रंग की ईंटों से बनाया गया था मंदिर
इस मंदिर की खास बात ये है कि इसे सीमेंट से नहीं, बल्कि लाल रंग की ईंटों से बनाया गया है. बाद में स्थानीय लोगों ने सीमेंट का इस्तेमाल किया. मंदिर के मुख्य द्वार पर हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई के प्रतीक चिह्न दिखाई देते हैं. इन्हें देखने के लिए उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के अलावा दिल्ली, हरियाणा आदि प्रांतों के श्रद्धालु आते हैं.गांववालों की मानें तो हर तरह की आपदा से ये मंदिर उनकी रक्षा करता है. स्थानीय लोगों की मानें, तो इस मंदिर में बहुत ज्यादा शक्ति है, यहां न जाने कितनी बार प्राकृतिक आपदाएं आई, लेकिन मंदिर जस का तस खड़ा रहा.
डिस्क्लेमर
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.