क्या है यूपी की 'राहवीर योजना'? सरकार दे रही 25 हजार रुपये, जानिए अमेठी के लिए क्यों अहम
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क्या है यूपी की 'राहवीर योजना'? सरकार दे रही 25 हजार रुपये, जानिए अमेठी के लिए क्यों अहम

Amethi News:केंद्र सरकार की ‘राहवीर योजना’ को अब उत्तर प्रदेश में भी लागू कर दिया गया है. इसका असर अमेठी जिले में भी देखने को मिल सकता है. चलिए आइए जानते हैं इस योजना के बारे में और यह अमेठी के लिए क्यों महत्वपूर्ण है.

Rahveer Yojana
Rahveer Yojana

राहुल शुक्ला/अमेठी: सड़क हादसों की बात हो और अमेठी का नाम न आए, ये अब लगभग नामुमकिन सा हो गया है. अमेठी जिले में सड़क दुर्घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. अब प्रशासन और सरकार दोनों ने गंभीरता दिखाई है. केंद्र सरकार की ‘राहवीर योजना’ अब उत्तर प्रदेश में भी लागू हो गई है और इसका असर अमेठी में भी देखने को मिल सकता है.
 
क्या है राहवीर योजना?
इस योजना के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी सड़क हादसे के शिकार घायल को ‘गोल्डन आवर’ यानी पहले एक घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाता है, तो सरकार उसे 25,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि देगी. मकसद यही है कि समय पर इलाज मिले और जिंदगी बचाई जा सके. इसकी पीछे की वजह ये है कि सड़कों पर लहूलुहान होते लोगों को देखकर कई लोग आगे नहीं आते. पुलिस पूछताछ से डरते हैं, लेकिन अब सरकार की पहल से शायद तस्वीर बदले.

यहां सबसे ज्यादा हादसे
तिलोई तहसील के फुरसतगंज स्थित निगोहा और अकेलवा चौराहा का नाम सामने आया. यहां सबसे ज्यादा हादसे होते हैं. मुसाफिरखाना में धरौली हाईवे, नागेश्वरगंज हाईवे और कस्तुनी पूरब मार्ग भी हादसों के लिए बदनाम हैं. मुंशीगंज का चौराहा, पीपरपुर का दुर्गापुर चौराहा, गौरीगंज का अमेठी रोड, रायबरेली-सुल्तानपुर रोड, बेलखौर, साराय भागमानी, जामो, कटारी, कल्याणपुर, जनकपुर मार्ग… इन सभी जगहों पर हादसे आम हो गए हैं. 

कमरौली में कठौरा, रसूलपुर मार्ग और जायस के बहादुरपुर, हर करणपुर मार्ग भी इस लिस्ट में शामिल हैं. कुल मिलाकर अमेठी में ऐसे 50 से ज्यादा स्थान ब्लैक स्पॉट के तौर पर चिन्हित किए जा चुके हैं. प्रशासन ने इन जगहों पर संकेत बोर्ड लगाए हैं. वहीं, आंकड़े भी डराने वाले हैं. जनवरी 2025 से लेकर अप्रैल तक अमेठी में सड़क हादसों में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

जनवरी: 28 हादसे, 20 मौतें 
फरवरी: 28 हादसे, 27 मौतें
मार्च: 27 हादसे, 19 मौतें
अप्रैल: 27 हादसे, 16 मौतें

चार महीने में 82 मौत
यानी चार महीनों में 110 सड़क हादसे और 82 लोगों की मौत हो चुकी है. ये आंकड़े बताने के लिए काफी हैं कि अमेठी की सड़कें कितनी खतरनाक हो चुकी हैं.

चिन्हित किए गए ब्लैक स्पॉट
सड़क सुरक्षा समिति के सदस्य प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. इन स्थानों पर बोर्ड लगाए गए हैं, स्पीड ब्रेकर भी बनाए गए हैं, लेकिन अगर लोग खुद नियमों का पालन न करें तो सब बेकार हो जाता है.
तेज रफ्तार और नशे में ना चलाएं गाड़ीउन्होंने कहा कि तेज रफ्तार और नशे में गाड़ी चलाना ही सबसे बड़ी गलती है.

नियमों का पालन जरूरी
लोग हेलमेट नहीं पहनते, सीट बेल्ट नहीं लगाते. अगर अपनी और अपने परिवार की परवाह है, तो नियमों का पालन करें. राहगीर योजना से उम्मीद है कि अब लोग ज़रूरतमंदों की मदद करने से पीछे नहीं हटेंगे. 25 हजार रुपये प्रोत्साहन के साथ-साथ एक ज़िंदगी बचाने का सुकून भी मिलेगा.

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