UP politics: यूपी में पंचायत चुनाव वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले हैं. ऐसे में पंचायत चुनावों को बीजेपी ने अपने मुस्लिम फॉर्मूले की प्रयोगशाला बनाने की तैयारी की है. मुख्यमंत्री योगी ने अखिलेश यादव के पीडीए की काट के लिए धमाकेदार फॉर्मूला खोज निकाला है.
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UP politics/विशाल सिंह: भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनावों से पहले सपा के पीडीए की काट का बड़ा दांव निकाला है. विधानसभा चुनावों से पहले पंचायत चुनावो में सभी दल जोर आजमाइश करेंगे. बीजेपी ने पंचायत चुनावों में ही सपा के सबसे बड़े वोट बैंक मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी कर ली है. बीजेपी का अल्पसंख्यक मोर्चा पंचायत चुनावों में 2000 प्रधान पद और 120 जिला पंचायत सदस्य पद पर मुस्लिमों को समर्थन देकर लड़ाने की तैयारी में है.
यूपी पंचायत चुनाव में क्या है बीजेपी की रणनीति
बीजेपी की रणनीति है कि मुस्लिम बहुल्य पंचायतों में मुस्लिम प्रत्याशियों को समर्थन देकर चुनाव लड़ाया जाए, दरअसल बीजेपी इस बात को जानती है कि पंचायत चुनावों में कई ग्राम सभाएं और जिलापंचायत की सीटें ऐसी हैं जहां बिना मुस्लिमों के चुनाव जितना आसान नहीं है. ऐसे में बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा ने तय किया है कि इन प्रधानी और जिला पंचायती की सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को बीजेपी बाहर से समर्थन देगी. इसकी एक वजह ये भी है कि बीजेपी सिंबल पर प्रधानी का चुनाव नहीं लड़ती है.
सपा समेत अन्य विपक्षी दलों का बड़ा नुकसान हो सकता
बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष बासित अली ने अपने मोर्चे को सक्रिय कर गांव और जिला पंचायतों से सूची तैयार करानी शुरू कर दी है, जहां मुस्लिम प्रत्याशी बीजेपी के सहयोग से चुनाव जीत सकते हों.यह सूची लगभग तैयार हो रही है. बीजेपी की रणनीति के पीछे मंशा यह है कि सरकारी योजनाओं का लाभ 40 प्रतिशत अकेले मुस्लिम समाज को मिल रहा है यानी कि सरकारी योजनाओं का सबसे बड़ा लाभार्थी वर्ग मुस्लिम समाज है. अब अगर बीजेपी इस मुस्लिम लाभार्थी वर्ग को अपने साथ 10 प्रतिशत भी सहेज पाई तो सपा समेत अन्य विपक्षी दलों का बड़ा नुकसान होगा.
यूपी में पंचायत चुनाव वर्ष 2027 के विधान सभा चुनाव से पहले हैं. ऐसे में पंचायत चुनावों को बीजेपी ने अपने मुस्लिम फॉर्मूले की प्रयोगशाला बनाने की तैयारी की है. यह पंचायत चुनाव आगामी विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माने जा रहे हैं. इसमें सभी राजनीतिक दल अपने अपने सियासी प्रयोग कर रहे है.