UP Panchayat Election: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं. यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले ग्राम पंचायतों को परिसीमन किया जा रहा है. नई नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम बनाए जाने और पुराने निकायों के सीमा विस्तार के कारण प्रभावित ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन होगा.
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UP panchayat Chunav: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों की तैयारियां और तेज कर दी गई हैं. ग्राम पंचायतों के परिसीमन की प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो रही है. ग्राम पंचायतवार जनसंख्या का निर्धारण 28-30 जून के बीच किया जाएगा. प्रस्तावित वार्डों पर आपत्तियां 4 जुलाई से 8 जुलाई के बीच ली जाएंगी. इसके लिए शासन ने विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया है. अगले साल अप्रैल या मई में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होंगे. सूबे में नई नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम बनाए जाने और पुराने निकायों के सीमा विस्तार के कारण प्रभावित ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन होगा.
ग्राम पंचायतवार जनसंख्या का निर्धारण
सूत्रों के मुताबिक, सभी जिलों से पुनर्गठन की प्राथमिक सूचना प्राप्त हो चुकी है. अब निर्वाचन प्रक्रिया के अगले चरण में प्रभावित जिलों में संबंधित ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के वार्डों के आंशिक परिसीमन के संबंध में आपत्तियां लेने, उनके निस्तारण और आखिरी लिस्ट के प्रकाशन के लिए समयसारिणी निर्धारित कर दी गई है. जिसके मुताबिक, ग्राम पंचायतवार जनसंख्या का निर्धारण 28-30 जून के बीच किया जाएगा. ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (वार्डों) की प्रस्तावित सूची की तैयारी और उसका प्रकाशन 1 जुलाई से 3 जुलाई के बीच होगा.
कब होंगे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव
अप्रैल या मई में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हो सकते हैं.
आखिरी लिस्ट का प्रकाशन 12 जुलाई से 14 जुलाई के बीच
4 जुलाई से 8 जुलाई तक आपत्तियां ली जाएंगी. मिली आपत्तियों का निस्तारण 9 जुलाई से 11 जुलाई तक किया जाएगा. वार्डों की अंतिम सूची का प्रकाशन 12 जुलाई से 14 जुलाई के बीच होगा. सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे ये अंतिम सूची 16 जुलाई तक पंचायतीराज निदेशालय को उपलब्ध करा दें. शासनादेश में यह भी कहा गया है कि 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव के मद्देनजर इस समयसारिणी का पालन हर हाल में किया जाए.
कौन सी ग्राम पंचायतें होंगी प्रभावित
पंचायत चुनाव-2021 के बाद कई जिलों में नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद और नगर निगम के सृजन और सीमा विस्तार के चलते कई ग्राम पंचायतों की जनसंख्या 1000 से कम हो गई है. आंशिक परिसीमन के तहत शहरी क्षेत्रों में शामिल ग्राम पंचायतों को हटाने और बचे हुए राजस्व ग्रामों को नजदीकी ग्राम पंचायत में शामिल किया जाएगा.