Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल में भी भाषा को लेकर विवाद छिड़ा है. बीजेपी लगातार सीएम ममता के ऊपर हमलावर है. अब पलटवार करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाली भाषा को लेकर भाषा युद्ध की घोषणा कर दी गई है.
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Mamata Banerjee: भारत विविधताओं का देश है. देश भर में कई भाषाएं बोली जाती हैं. हालांकि इन दिनों भाषा को लेकर कई राज्यों में विवाद छिड़ा है. इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "हम सभी अपनी मातृभाषा बोलते हैं. बच्चे सबसे पहले अपनी मातृभाषा में "मां" बोलते हैं, हालांकि, बंगाली भाषा को लेकर भाषा युद्ध की घोषणा कर दी गई है, एक और भाषा आंदोलन से सभी में जागरूकता बढ़नी चाहिए.
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि कई जगहों पर बंगाली बोलने पर लोगों को प्रताड़ित किया जाता है. सिर्फ़ बंगाली बोलने पर लोगों को हिरासत में नहीं लिया जा सकता, हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते. इस मुद्दे पर कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए.
ममता बनर्जी ने भरी थी हुंकार
बीते 21 जुलाई को एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा था कि हम सभी भाषाओं से प्यार करते हैं. चाहे वो हिंदी, राजस्थानी, गुजराती, मराठी या चाहे जो भाषा हो. उन्होंने यह भी कहा ति कि आजादी की लड़ाई में बांग्ला भाषा का इस्तेमाल हुआ और पश्चिम बंगाल के लोग जो कर सकते हैं वो कोई नहीं कर सकता है. इसी रैली में उन्होंने पूछा कि आप बांग्ला भाषा पर क्यों हमला कर रहे हो?
क्या है ममता बनर्जी का प्लान?
ममता सरकार बीजेपी पर लगातार विभाजनकारी एजेंडे का आरोप लगाया था और उसके विरोध में प्रदर्शन भी किया. भाषा को लेकर के सरकार अपनी तैयारियों में लगी है और ये भी कहा जा रहा है कि 27 जुलाई को 'भाषाई आतंकवाद' के खिलाफ टीएमसी एक बड़े आंदोलन की शुरुआत कर सकती है.
बीजेपी ने घेरा
बंगाली भाषा पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी पर भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि वह हर चीज़ में विवाद पैदा करना चाहती हैं. बांग्ला भाषा जैसी है वैसी ही रहेगी, कुछ नहीं होने वाला है. ममता बनर्जी का इस पर एकाधिकार नहीं है, हम कड़ी टक्कर देंगे.
F&Q
सवाल- पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव कब है?
जवाब- पश्चिम बंगाल में साल 2026 में विधानसभा चुनाव होगा.
सवाल- बांग्ला भाषा को लेकर आंदोलन के पीछे की वजह क्या हो सकती है?
जवाब- इस आंदोलन के जरिए ममता बनर्जी साल 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को लोगों तक अच्छे तरह से पहुंचा सकती हैं. साथ ही साथ बीजेपी के खिलाफ अपना रूख जमीनी स्तर पर भी स्पष्ट कर सकतीं हैं.