पाकिस्तानी होना कलंक है! इस देश में घुसने से भी किया मना, उल्टा 12 घंटे तक कैदी बनाकर...
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पाकिस्तानी होना कलंक है! इस देश में घुसने से भी किया मना, उल्टा 12 घंटे तक कैदी बनाकर...

Pakistani At Georgia Airport: यूएई (UAE) में रहने वाले एक पाकिस्तानी नागरिक ने रेडिट पर एक पोस्ट में जॉर्जिया यात्रा के दौरान हुई अपनी बेहद अपमानजनक और तकलीफदेह अनुभव को शेयर किया.

 

पाकिस्तानी होना कलंक है! इस देश में घुसने से भी किया मना, उल्टा 12 घंटे तक कैदी बनाकर...

Georgia Airport: यूएई (UAE) में रहने वाले एक पाकिस्तानी नागरिक ने रेडिट पर एक पोस्ट में जॉर्जिया यात्रा के दौरान हुई अपनी बेहद अपमानजनक और तकलीफदेह अनुभव को शेयर किया. उसने बताया कि वह और उनका दोस्त जॉर्जिया के कुतैसी एयरपोर्ट पर उतरे ही थे कि उन्हें बिना किसी कारण के हिरासत में ले लिया गया, एक जेल जैसी जगह में बंद कर दिया गया और किसी अपराधी की तरह बर्ताव किया गया. उसने आगे लिखा, "हम एक शांत और छोटा-सा वेकेशन प्लान करके जॉर्जिया पहुंचे थे, लेकिन जैसे ही हमने लैंड किया, हमारा सपना एक बुरे सपने में बदल गया."

क्या हुआ कुतैसी एयरपोर्ट पर?

जॉर्जिया यूएई निवासियों को वीज़ा-फ्री एंट्री देता है, यानी जो लोग यूएई का वीजा या रेजिडेंस परमिट रखते हैं वे 90 दिन तक बिना वीजा के वहां रह सकते हैं. इसी आधार पर यह पाकिस्तानी व्यक्ति अपने दोस्त के साथ यात्रा पर निकला जो यूएई में एक वरिष्ठ पद पर कार्यरत है. जैसे ही वे एयरपोर्ट पर पहुंचे, वहां के इमीग्रेशन अधिकारियों ने पूछा कि वे कहां से हैं. उन्होंने जवाब दिया कि वे पाकिस्तानी नागरिक हैं लेकिन यूएई रेजिडेंट हैं. बस यही सुनते ही पुलिस के एक अधिकारी ने उन्हें किनारे बुलाया, पासपोर्ट ले लिया. सबके सामने तस्वीरें खींची और एक कोने में खड़ा कर दिया- जो उनके लिए बहुत अपमानजनक था.

 

DO NOT travel to Georgia!!
byu/FrostyEmploy7488 inUAE

 

एंट्री से किया इनकार, कोई कारण नहीं बताया

इसके बाद उन्हें एक कमरे में ले जाया गया जहां किसी ने उनके सवालों के जवाब नहीं दिए. करीब 20 मिनट बाद एक महिला अधिकारी आई और कहा, "आपको एंट्री नहीं दी जाएगी." जब उन्होंने कारण पूछा तो अधिकारी ने बस इतना कहा, "हम आपको कारण नहीं बता सकते." उन्होंने बताया कि न तो उनके कागजों में कोई कमी थी, न ही वे कोई गलत बर्ताव कर रहे थे. फिर भी उन्हें 12 घंटे से ज्यादा एक गंदे से कमरे में बंद रखा गया, ना खाना दिया गया और ना ही साफ पानी. उन्होंने यह भी बताया कि जब वे पाकिस्तान एम्बेसी को कॉल करने की कोशिश कर रहे थे, तब अधिकारी उनका फोन छीनने लगे.

मानसिक तनाव और अपमान का अनुभव

इस अनुभव ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर डाला. उन्होंने लिखा, "पैसे की हानि तो हुई ही, लेकिन उससे भी ज्यादा हमें मानसिक पीड़ा, चिंता और अपमान का सामना करना पड़ा." रेडिट पर कई अन्य लोगों ने भी ऐसे ही अनुभव शेयर किए, जिनमें भारतीय नागरिक भी शामिल थे. किसी ने लिखा, "मेरे कुवैत में रहने वाले कज़िन्स को भी बिना किसी कारण वापस भेज दिया गया था." किसी और ने कहा, "जॉर्जिया जाना अब बहुत रिस्की है, खासकर भारतीय और पाकिस्तानी पासपोर्ट वालों के लिए." एक अन्य ने लिखा, "पाकिस्तान होना है कलंक."

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अल्केश कुशवाहा

अल्केश कुशवाहा जी हिंदी डिजिटल ट्रेंडिंग व ट्रेवल सेक्शन के इंचार्ज हैं. उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में 13 साल से ज्यादा समय का अनुभव है. उन्होंने करियर की शुरुआत कैनविज टाइम्स अखबार से साल 2012 ...और पढ़ें

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