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क्या ऑटो पायलेट कर सकता है प्लेन की लैंडिंग, जानें इससे जुड़े अनसुने तथ्य

ऑटो पायलट एक एडवांस नेविगेशन सिस्टम होता है जो प्लेन को बिना किसी आदमी के उड़ाने में मदद करता है, यह सिस्टम विमान की ऊंचाई, गति, दिशा और अन्य नेविगेशन कंट्रोल्स को ऑटोमेटिक रूप से कंट्रोल करता है, इसका इस्तेमाल आमतौर पर क्रूज फ्लाइट के दौरान अधिक होता है  

एयरक्राफ्ट्स

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एयरक्राफ्ट्स

आधुनिक विमान खासतौर पर कमर्शियल एयरलाइंस के एयरक्राफ्ट्स ऑटो लैंडिंग की तकनीक से लैस होते हैं, इसका मतलब है कि यदि परिस्थितियां अच्छी हों और रनवे पर उपयुक्त सिस्टम लगे हों, तो विमान की लैंडिंग ऑटो पायलट के जरिए हो सकती है 

 

ग्राउंड-बेस्ड नेविगेशन

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ग्राउंड-बेस्ड नेविगेशन

III और ILS यह ग्राउंड-बेस्ड नेविगेशन सिस्टम होता है जो खराब मौसम और कम विजिबिलिटी में विमान को रनवे तक सुरक्षित गाइड करता है 

 

फ्लाइट क्रू की मंजूरी

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फ्लाइट क्रू की मंजूरी

ऑटो पायलट पर जहाज को उतारने के लिए फ्लाइट क्रू की मंजूरी चाहिए होती है, पायलट्स को यह सिस्टम एक्टिवेट करना होता है और वे पूरी प्रक्रिया की निगरानी करते रहते हैं 

 

एयरपोर्ट की अनुमति

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एयरपोर्ट की अनुमति

ऑटो पायलट पर जहाज को उतारने के लिए एयरपोर्ट की अनुमति  लेनी पड़ती है क्योंकि सभी एयरपोर्ट्स पर ऑटो लैंडिंग की सुविधा नहीं होती, कुछ विशेष रनवे पर ही यह तकनीक उपलब्ध होती है

 

खराब मौसम

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खराब मौसम

जब कभी खराब मौसम जैसे घने कोहरे, भारी बारिश या बहुत कम विजिबिलिटी की स्थिति में किया जाता है यह सिस्टम उन हालातों में बहुत उपयोगी होता है जब पायलट को रनवे नजर नहीं आता, लेकिन टेक्नोलॉजी प्लेन को बिल्कुल सटीक जगह पर उतार सकती है

 

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