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बच्चा पैदा करो और लाखों रुपये ले जाओ, सरकार ने खोल दिया खजाना, सालों साल घर बैठे मिलेगा भत्ता

China offers parents money to boost baby births: चीन घटती जन्म दर से निपटने के लिए माता-पिता को तीन साल से कम उम्र के प्रत्येक बच्चे के लिए सालाना लगभग 50,000 रुपये की मदद देने की पेशकश कर रहा है. इस पहल का मकसद कम से कम 2 करोड़ परिवारों की सहायता करना है, क्योंकि बच्चों के पालन-पोषण में आने वाले खर्च की वजह से चीनी मां-बाप बच्चे पैदा करने से डर रहे हैं.

टेक्नोलॉजिया

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टेक्नोलॉजिया

चीन घटती जन्म दर से निपटने के लिए माता-पिता को 3 साल से कम उम्र के हर बच्चे के लिए सालाना करीब 50 हजार रुपये की पेशकश कर रहा है. इस स्कीम का मकसद चीन के 2 करोड़ परिवारों की सहायता करना है. सरकार का मानना है कि महंगाई के चलते देश में बच्चों के पालन-पोषण के प्रति लोगों की दिलचस्पी कम हुई है. ऐसे में लोग ज्यादा बच्चे पैदा करें इसलिए आका शी जिनपिंग की सरकार हर मां-बाप को 3 साल से कम उम्र के हर बच्चे के लिए सालाना पैसा देना का ऐलान कर दिया है.

दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी

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दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी

चीन की सरकार ने सोमवार को इस पॉलिसी का ऐलान करते हुए कहा कि राष्ट्रव्यापी सब्सिडी का एक बड़ा हिस्सा अब उन माता-पिता को दिया जाएगा जो बिना किसी डर के बच्चों को जन्म देंगे. इस फैसले से लोगों को बच्चों के पालन-पोषण में आने वाली परेशानियों से राहत मिलेगी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी में अधिक जन्म दर को प्रोत्साहित मिलेगा.

चीन ज्यादा बच्चे क्यों पैदा कराना चाहता है?

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चीन ज्यादा बच्चे क्यों पैदा कराना चाहता है?

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक दशक पहले विवादास्पद सिंगल चाइल्ड पॉलिसी को रद्द करने के बावजूद, चीन की जन्म दर में लगातार गिरावट जारी है. सरकार को उम्मीद है कि ये नई चाइल्ड केयर फंडिग यानी पैसे की मदद से 2 करोड़ परिवारों को बच्चों के पालन-पोषण के खर्च में आसानी होगी. सरकार मानती है कि इस फैसले से देश में गिरती जन्म दर में कमी आएगी. लोग ज्यादा बच्चे पैदा करेंगे. इस राष्ट्रव्यापी योजना के लागू होने से पहले, चीन के कई प्रांतों अपने-अपने स्तर पर लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु कई तरह से कैश ऑफर कर रहे थे क्योंकि चीन एक गंभीर जनसांख्यिकीय संकट का सामना कर रहा है.

2022 से स्कीम लागू

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2022 से स्कीम लागू

इस सरकारी स्कीम में माता-पिता को हर बच्चे के जन्म में लाखों रुपये देने का वादा किया गया है ताकि लोग बच्चे की आसानी से परवरिश कर सकें. चीन सरकार मानती है कि महंगाई की वजह से लोग बच्चे नहीं पैदा कर रहे इससे देश जल्द ही बूढे लोगों का सबसे बड़ा हब बन जाएगा जिसके ऊपर बहुत खर्च होगा और देश में काम करने वाले युवाओं की कमी होगी. इसलिए चीन चाहता है कि लोग बच्चे पैदा करें और सरकार से उनके पालन पोषण के लिए पैसा लें. ये स्कीम 2025 से पूरे देश में लागू होगी. इस स्कीम का फायदा साल 2022 और 2024 के बीच बच्चे पैदा करने वाले मां-बाप को मिलेगा हालांकि, उन्हें आंशिक सब्सिडी मिलेगी. यह कदम चीन में जन्म दर बढ़ाने के स्थानीय सरकारों के प्रयासों के बाद उठाया गया है.

पैसा बांटने में आई तेजी

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पैसा बांटने में आई तेजी

मार्च में, चीन के उत्तरी क्षेत्र के एक शहर होहोट ने कम से कम तीन बच्चों वाले दम्पतियों को प्रति बच्चा 100,000 युआन तक की राशि देने की शुरुआत की गई. बीजिंग के उत्तर-पूर्व में स्थित शहर शेनयांग का प्रशासन तीन साल से कम उम्र के तीसरे बच्चे वाले स्थानीय परिवारों को 7000 रुपये महीना प्रदान करता है. पिछले सप्ताह, बीजिंग ने स्थानीय सरकारों से निःशुल्क प्रीस्कूल शिक्षा लागू करने हेतु योजनाओं का मसौदा तैयार करने की अपील की है. चीन सरकार की नई स्कीम के हिसाब से अगर कोई कपल 3 बच्चे पैदा करते हैं तो उन्हे अलग-अलग करके लगभग 1,50,000 रुपये मिलेंगे.  

महंगाई के चलते लोग बच्चे नहीं पैदा करना चाहते!

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महंगाई के चलते लोग बच्चे नहीं पैदा करना चाहते!

चीन स्थित युवा जनसंख्या अनुसंधान संस्थान के एक अध्ययन के अनुसार, चीन में बच्चों के पालन-पोषण की उच्च लागत के कारण ऐसे प्रोत्साहनों की आवश्यकता रेखांकित होती है. अध्ययन में पाया गया कि चीन में 17 वर्ष की आयु तक एक बच्चे के पालन-पोषण पर औसतन 60 लाख रुपये  का खर्च आता है, जिससे चीन में लोग संतान पैदा करने में हिचकिचाने लगे हैं. लोगों के माइंड सेट में अभी तक बदलाव नहीं आया है. जनवरी में, आधिकारिक आंकड़ों से पता चला कि जन्म दर में मामूली वृद्धि के बावजूद, 2024 में चीन की जनसंख्या लगातार तीसरे साल गिरेगी, जो राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, 2024 में लगभग 95 लाख बच्चे पैदा होने का रिकॉर्ड है. चीन की 1.4 अरब की आबादी भी तेजी से बढ़ रही है, लिहाजा बीजिंग की जनसांख्यिकीय चिंताएं बढ़ गई हैं.

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