बरसात के मौसम में गमले में लाल गुड़हल के फूल बेहद खूबसूरत लगते हैं. गुड़हल का फूल भगवान गणेश को बहुत पसंद है ऐसे में लोग लाल गुड़हल का फूल भगवान गणेश को अर्पित करते हैं. कई बार पोषक तत्वों की कमी से गमले में फूल आना बंद हो जाते हैं. अगर आपके गमले में भी फूल नहीं खिल रहे हैं तो आप ये उपाय कर सकते हैं.
अगर आपके गुड़हल के पौधे में फूल नहीं आ रहे हैं तो आपको गमले में यह खाद डालनी चाहिए. नेचुरल खाद डालने से फूल आना शुरू हो सकते हैं.
लौकी के छिलके से आप नेचुरल खाद बना सकते हैं. लौकी के छिलके से बनी खाद को डालने से पौधों की ग्रोथ अच्छी होती है दरअसल लौकी की छिलकों में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम पाया जाता है जो कि मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं.
गुड़हल के पौधे में कुछ दिनों तक लौकी का पानी डालें. लौकी के छिलकों का पानी मिट्टी को नमी देता है.
लौकी के छिलकों को पानी में एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स पाए जाते हैं जो कि पौधों को कीट से बचाने में मदद करते हैं. इससे पौधा हरा रहता है.
लौकी के छिलकों को इकट्ठा करें. इसके बाद इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें. अब इसमें 1 लीटर पानी डालकर इसे 8 से 10 घंटे के लिए रख दें. अगले दिन इस पानी को छान लें और गुड़हल के पौधे में डाल दें. 4 से 5 दिन तक पौधे में लौकी के छिलके का पानी डालें. कुछ ही दिनों में असर दिख सकता है.
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