ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों का राशि परिवर्तन के अलावा नक्षत्र परिवर्तन भी होता है. ग्रहों का नक्षत्र परिवर्तन प्रत्येक राशि वालों के लिए खास मायने रखता है, क्योंकि इसका प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलता है.
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, धन और समृद्धि के कारक गुरु आर्द्रा नक्षत्र के दूसरे चरण में प्रवेश करने जा रहे हैं. बृहस्पति देव 13 जुलाई को सुबह 7 बजकर 39 मिनट पर आर्द्रा नक्षत्र के दूसरे चरण में प्रवेश कर जाएंगे.
गुरु (बृहस्पति) के आर्द्रा नक्षत्र में गोचर करने से कुछ राशियों को विशेष रूप से लाभ मिल सकता है. आर्द्रा नक्षत्र बुध ग्रह से संबंधित होता है और जब गुरु इस नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो ज्ञान, व्यापार, संचार, और बुद्धिमत्ता से जुड़े क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव दिखाई देता है.
गुरु का यह गोचर तृतीय भाव में होगा, जो पराक्रम, संचार और यात्रा का कारक है. आत्मविश्वास में वृद्धि होगी. भाई-बहनों से सहयोग मिलेगा. मीडिया, लेखन, या संचार क्षेत्र के लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी समय है.
यह आर्द्रा नक्षत्र की मूल राशि होती है, इसलिए गुरु का गोचर यहां बहुत फलदायक रहेगा. करियर में नई संभावनाएं बनेंगी. व्यापार में विस्तार के योग बनेंगे. पारिवारिक जीवन में सुख-शांति आएगी.
गुरु पंचम भाव से गोचर करेंगे जो विद्या, संतान, और रचनात्मकता का कारक है. विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता मिल सकती है. प्रेम संबंधों में मजबूती आएगी. निवेश से लाभ के संकेत मिलते हैं.
गुरु स्वराशि के स्वामी होते हैं और मिथुन से सप्तम भाव में रहेंगे. वैवाहिक जीवन में मधुरता बढ़ेगी. भागीदारी के कार्यों में सफलता मिलेगी. विदेश यात्रा या उच्च शिक्षा के योग बन सकते हैं.
गुरु पंचम भाव में आकर भाग्य को बल देंगे. नौकरी में प्रमोशन के योग बनेंगे. धार्मिक यात्रा या आध्यात्मिक रुचियों में वृद्धि होगी. संतान पक्ष से शुभ समाचार मिल सकता है.
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