Sun Pharmaceutical owner: दवाईयों के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए उन्हें गली-गली घूमना पड़ता था. दवा दुकानों तक सप्लाई पहुंचानी पड़ती थी. उन्होंने सोच लिया कि अगर मैं दूसरों की बनाई दवाई बेच सकता हूं तो फिर अपनी क्यों नहीं. फिर क्या था, इसी सोच के साथ सन फार्मा की शुरुआत हुई.
Sun Pharma Owner:अक्सर लोग यहीं सोचते हैं कि अपना बिजनेस शुरू करना है या तो आपके पास IIT-IIM की भारी भरकम डिग्री होनी चाहिए या फिर मोटा बैंक बैलेंस. इसी सोच की डर से अक्सर लोग अपना कुछ करने से डर जाते हैं. खासकर मिडिल क्लास के मन में इसका सबसे ज्यादा खौफ होता है, लेकिन साल 1983 में 27 साल के एक लड़के ने जो किया, वो आपकी इस सोच को बदल देगा. उसके पास न तो आईआईटी या एमबीए की डिग्री थी और ना ही बड़ा बैंक बैलेंस . अगर कुछ था तो मेहनत और हार न मानने की जिद. इस मनोबल के साथ उसने सिर्फ 5 लोग, एक कमरा और पिता ने उधार में लिए 2000 रुपये की बदौलत कुछ ऐसा किया, जिसकी चर्चा आज तक होती है और आगे भी होती रहेगी. उन 2000 की बदौलत उस शख्स ने 4,00,000 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी कर दी और खुद देश का फार्मा किंग बन गया. ये किस्सा है सन फार्मा के फाउंडर दिलीप सिंघवी की.
गुजरात के एक छोटे से शहर अमरेली में जन्में दिलीप सिंघवी के पिता शांतिलाल सांघवी कोलकाता में जेनरिक दवाओं की सप्लाई का काम करते थे. कॉलेज खत्म होते ही दिलीप पिता के साथ काम में जुट गए. वहां उन्होंने दवा सेक्टर की बारिकियों को सीखा. दवाईयों के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए उन्हें गली-गली घूमना पड़ता था. दवा दुकानों तक सप्लाई पहुंचानी पड़ती थी. उन्होंने इस सेक्टर की खामियों को पकड लिया और फिर अपना काम शुरू करने का फैसला किया. उन्होंने सोच लिया कि अगर मैं दूसरों की बनाई दवाई बेच सकता हूं तो फिर अपनी क्यों नहीं. फिर क्या था, इसी सोच के साथ सन फार्मा की शुरुआत हुई.
साल 1982 में उन्होंने पिता से 2000 रुपये उधार लेकर अपना पांच दोस्तों के साथ मिलकर 1 कमरे से सन फार्मा की शुरुआत की. उन्होंने अच्छी क्वालिटी की दवा पर फोकस करते पहले सिर्फ मनोरोग की कुछ दवाईयां बनाई और बाजार में बेचना शुरू कर दिया. उनका ये आइडिया चल पड़ा और सन फार्मा का कारोबार बढ़ता चला गया.
दिलीप ने साल1997 में अमेरिकी फार्मा कंपनी खरीद ली, साल 2007 में उन्होंने इजराइल की कंपनी टारो फार्मा को भी खरीद लिया. साल 2014 में उन्होंने दिग्गज फार्मा कंपनी रैनबक्सी के साथ करार किया. जिसके बाद बहुत कुछ बदल गया. सन फार्मा ने रैनबैक्सी को 19000 करोड़ रुपये में खरीद लिया है. इसके बाद से सन फार्मा देश के कोने-कोने के साथ इंटरनेशनल मार्केट में पहुंच गई. उन्हें फार्मा किंग के नाम से लोग बुलाने लगे.
साल 2024 में सन फार्मा का मार्केट कैप 4.1 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया. साल 2014 के अंत तक दिलीप सांघवी की कुल संपत्ति 17.8 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था. साल 2015 में फोर्ब्स की लिस्ट में दिलीप सांघवी ने रिलायंस इंडस्ट्री के मालिक मुकेश अंबानी को पछाड़कर देश के सबसे अमीर उद्योगपति का खिताब हासिल कर लिया. वर्तमान में उनकी निजी संपत्ति 2,640 करोड़ डॉलर के पार पहुंच गई है.
भारत की सबसे बड़ी फार्मा कंपनी का खिताब सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Sun Pharmaceutical Industries Ltd) के नाम हो गया. कंपनी ने अपनी जेनेरिक दवाओं के दम पर दुनियाभर में अपना सिक्का जमाया. सन फार्मा दुनिया की चौथी सबसे बड़ी दवा कंपनी भी है. 43000 से अधिक लोग इस कंपनी के साथ जुड़े हैं.
ट्रेन्डिंग फोटोज़