Dwidvadash Yog: ज्योतिष शास्त्र में इसे शुक्र और शनि का द्विद्वादश योग कहा जाता है. यह शक्तिशाली योग तब बनता है, जब एक ग्रह कुंडली के दूसरे भाव में और दूसरा ग्रह 12वें भाव में स्थित रहता है. इस योग के निर्माण से 4 राशि वालों को विशेष लाभ मिलने वाला है.
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शुक्र और शनि ग्रह का विशेष महत्व है. शुक्र को धन-संपत्ति का कारक माना जाता है और शनि को न्याय का देवता कहा जाता है. इन दोनों ग्रहों की स्थिति में बदलाव का असर 12 राशियों पर पड़ता है. ज्योतिषीय गणना के अनुसार 7 जून से शुक्र और शनि एक दूसरे से मात्र 30 डिग्री पर स्थित रहकर विशेष कोणीय योग का निर्माण कर रहे हैं.
ज्योतिष शास्त्र में इसे शुक्र और शनि का द्विद्वादश योग कहा जाता है, जो तब बना है, जब एक ग्रह कुंडली के दूसरे भाव में और दूसरा ग्रह 12वें भाव में स्थित रहता है. इस योग का निर्माण कुछ राशि के जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं इन भाग्यशाली राशियों के बारे में.
मेष राशि के जातकों के लिए ये योग लकी साबित हो सकता है. आर्थिक स्थिति के लिए निवेश का अच्छा अवसर मिलेगा. आर्थिक स्थिति के लिए निवेश का अच्छा समय है. आपकी इच्छाएं पूरी होंगी. जीवन में सुख-शांति बढ़ेगी. धन संबंधी परेशानियां दूर हो सकती हैं.
कन्या राशि वालों के लिए यह समय लाभकारी रहेगा. अकटे हुए काम पूरे होंगे. पारिवारिक रिश्तों में मजबूती आएगी. आय में वृद्धि के संकेत हैं.
तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं. ऐसे में इस राशि के जातकों के लिए यह योग बेहद फलदायी साबित होगा. आर्थिक स्थिति के साथ-साथ मानसिक संतुलन भी ठीक रहेगा. करियर-कारोबार में लाभ के कई योग हैं. लव लाइफ में मिठास आएगी.
कुंभ राशि वालों के लिए यह समय शुभ रहेगा. जीवन में खुशियां दस्तक दे सकती हैं. करियर में सफलता हासिल होगी. व्यापार में नई डील्स बनने की संभावना है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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