मोबाइल किस तरह लोगों की पर्सनल जिंदगी में घुसकर जासूसी कर सकता है इस बारे में तो हम और काफी कुछ सुन चुके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका स्मार्ट टीवी भी आपकी जासूस कर सकता है? सुनने में बेशक आपको यह बात अजीब लगेगी, लेकिन आज कल ऐसा होना मुमकिन है. दरअसल, आपका स्मार्ट टीवी आपकी हरकतों पर नजर रखता है. जैसे कि आप क्या देख रहे हैं? किस तरह के कंटेंट देखने आपकी दिलचस्पी बढ़ रही है? इसकी जानकारी आपका टीवी इकट्ठा करता है.
आप अपने टीवी पर कौन सा OTT चैनल देख रहे हैं और इस पर आप किसी तरह की फिल्में या सीरीज देखना पसंद कर रहे हैं इस पर भी टीवी की नजरें रहती हैं. यह सभी जानकारियां इकट्ठा करके स्मार्ट टीवी लगातार सर्वर्स को भेजते रहते हैं. इसके बाद पूरा डेटा का इस्तेमाल करते हुए आपको टारगेट विज्ञापन दिखाए जाते हैं. हालांकि, इस निगरानी से आप अपना बचाव कर सकते हैं.
ज्यादातर स्मार्ट टीवी जब आप खरीदते हैं तो उनमें पहले से ही डेटा इक्ट्ठा की सेटिंग ऑन ही होती है, जिससे ज्यादातर लोग अनजान रहते हैं. इस सेटिंग को बंद न कर पाने की वजह से आप और आपका परिवार टीवी की इस जासूसी का शिकार हो सकते हैं. एक्सपर्ट्स तो कहते हैं कि एक बार टीवी सेटअप हो जाए, इसके बाद तुरंत ही इस सेटिंग को बंद कर देना चाहिए.
टीवी की जासूसी तो इस तरह समझने की कोशिश करें कि जब आपके स्मार्टफोन की जासूसी होती है तब आपको उस तरह का कंटेंट या विज्ञापन दिखने लगते हैं जो आपके व्यवहार या रूची के अनुसार होते हैं. हालांकि, इस दौरान निशाने पर सिर्फ आप होते हैं, लेकिन जब टीवी जासूसी करता है तो आपके परिवार के बच्चों से लेकर बड़े-बूढ़े तक इसका शिकार बन सकते हैं, क्योंकि घर का हर सदस्य टीवी देख रहा होता है.
कोई भी स्मार्ट टीवी ऑटोमैटिक कंटेंट रिकॉग्निशन (ACR) सेटिंग्स के साथ ही आता है. यह टेक्नोलॉजी आपके टीवी पर चल रहे कंटेंट को पहचानती है. चाहे आप फिल्में देखें, ओटीटी कंटेंट देखें या फिर यूट्यूब, इस टेक्नोलॉजी की मदद से हर प्रोग्राम की जानकारी इकट्ठा होती है और फिर ये टीवी कंपनी या किसी थर्ड पार्टी को भेज दिया जाता है. इसलिए यह सेटिंग बंद रखें. इसके लिए आप टीवी की सेटिंग्स में जाइए. अब Privacy या Terms & Conditions पर क्लिक करें. फिर ACR या Viewing Data ऑप्शन ढूंढें. इसमें ACR या Data Collection को Off कर दीजिए.
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