15 जून से सूर्य के मिथुन राशि में गोचर के साथ ही एक विशेष त्रिग्रह योग बनने जा रहा है. यह योग 12 साल बाद मिथुन राशि में बन रहा है क्योंकि गुरु ग्रह भी लंबे समय बाद मिथुन राशि में प्रवेश कर रहे हैं. सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग, बुध के स्वराशि में होने से भद्र योग और सूर्य-गुरु की युति से आदित्य योग भी बनेंगे.
वृषभ राशि वालों के दूसरे भाव में यह त्रिग्रह योग बन रहा है. पैतृक संपत्ति का लाभ मिलेगा. मांगलिक कार्यों में धन खर्च होगा, जिससे मानसिक शांति मिलेगी. फंसा हुआ पैसा वापस मिलने की संभावना है. वाणी से लोगों का मन जीतेंगे. नौकरी और व्यापार में नए अवसर मिलेंगे.
त्रिग्रह योग मिथुन राशि में ही लग्न स्थान में बन रहा है. करियर में बड़ी सफलता मिलेगी. पैतृक संपत्ति से बड़ा धन लाभ होगा. ज्ञान और निर्णय क्षमता में वृद्धि होगी. सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि होगी. मानसिक स्थिति मजबूत होगी.
यह योग भाग्य स्थान (9वें भाव) में बन रहा है. पिता का सहयोग मिलेगा. भाग्य का पूरा साथ रहेगा. आध्यात्मिक यात्राओं से लाभ होगा. उच्च शिक्षा और सरकारी नौकरी में सफलता मिलेगी. मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी के अवसर बढ़ेंगे.
धनु राशि पर सूर्य, बुध और गुरु की 7वीं दृष्टि पड़ेगी. वैवाहिक जीवन में सुख-शांति रहेगी. पार्टनरशिप बिजनेस में लाभ होगा. कार्यस्थल पर सहयोग बढ़ेगा. लंबित विवाह मामलों में सफलता के योग हैं. निर्णय क्षमता में मजबूती आएगी.
त्रिग्रह योग 5वें भाव में बनेगा और शनि साढ़ेसाती के अंतिम चरण का प्रभाव रहेगा. करियर में मेहनत का फल मिलेगा. संतान पक्ष से शुभ समाचार मिलेगा. अध्यात्मिक रुचि बढ़ेगी. धार्मिक यात्राओं का योग हैं.
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