आज के दौर में मिडिल क्लास सबसे ज्यादा मेहनत करता है, लेकिन सबसे ज्यादा परेशान भी वही है. सैलरी बढ़ने के बावजूद जेब हमेशा खाली रहती है, ईएमआई और लोन का बोझ कम होने के बजाय बढ़ता ही जाता है. महीने की सैलरी आते ही ईएमआई, सब्सक्रिप्शन और खर्चों में उड़ जाती है और अंत में बचत के नाम पर हाथ में कुछ नहीं बचता. यही वजह है कि लाखों मिडिल क्लास लोग अनजाने में खुद को गरीबी की ओर धकेल रहे हैं. एक्सपर्ट्स ने मिडिल क्लास लोगों की 5 ऐसी गलतियां बताई, जो भविष्य में उनको गरीब बना सकती हैं. आइए जानते हैं वो 5 बड़ी गलतियां जो मिडिल क्लास को लोन के जाल में फंसा रही हैं.
नए स्मार्टफोन का क्रेज हर साल बढ़ रहा है. लेकिन 80-90 हजार रुपये का फोन ईएमआई पर लेना आपकी जेब पर लंबा बोझ डाल देता है. ईएमआई चुकाने के चक्कर में बचत और निवेश पीछे छूट जाते हैं.
सोशल मीडिया पर विदेश घूमने की तस्वीरें भले ही स्टेटस सिंबल बन गई हों, लेकिन क्रेडिट कार्ड से की गई महंगी यात्राएं महीनों तक कर्ज का बोझ बढ़ाती हैं. ब्याज दरें 36-42% तक जाती हैं, जो आपकी फाइनेंशियल हेल्थ के लिए खतरनाक है.
कैफे में बैठकर 300 रुपये की कॉफी या रोजाना ऑनलाइन फूड ऑर्डर करना मामूली खर्च लग सकता है, लेकिन महीने के अंत में यह हजारों रुपये का अनावश्यक खर्च बन जाता है.
नेटफ्लिक्स, प्राइम, हॉटस्टार, स्पॉटिफाई… एक साथ कई सब्सक्रिप्शन रखना जेब पर भारी पड़ता है. अक्सर लोग सभी प्लेटफॉर्म का पूरा इस्तेमाल भी नहीं करते, फिर भी सालाना हजारों रुपये खर्च कर देते हैं.
स्टेटस के चक्कर में लोन लेकर महंगी कार या बाइक खरीदना मिडिल क्लास की आम गलती है. ईएमआई के साथ इंश्योरेंस, मेंटेनेंस और ईंधन का खर्च जोड़कर यह एक बड़ा फाइनेंशियल बोझ बन जाता है.
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